Powered by

Latest Stories

HomeTags List jodhpur news

jodhpur news

18 महिलाओं से शुरू हुई संस्था आज दे रही है 50 हजार महिलाओं को रोजगार और प्रशिक्षण!

महिलाओं द्वारा बनाया गया सामान 'सम्भली' के जोधपुर स्थित शोरूम में विदेशी पर्यटकों एवं अन्य लोगों को बेचा जाता है और इसके बदले महिलाओं को उचित वेतन दिया जाता है।

पुरानी जींस को फेंकिए मत, इन्हें दीजिये, यह बस्ते और चप्पल बनाकर गरीब बच्चों को बांटेंगे!

गांवों के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे आज भी बुनियादी सुविधाओं से महरूम हैं, यह किट उन बच्चों के लिए विशेष तौर पर डिज़ाइन किया गया है।

पढ़िए 76 साल की इस दादी की कहानी जिसने 56 की उम्र में की बीएड, खोला खुद का स्कूल!

''माँ के देहांत के कारण बचपन में ही नन्हें कंधों पर रसोई और घर के कामों की जिम्मेदारी आ गई। 15 वर्ष की उम्र तक स्कूल का दरवाजा नहीं देखने वाली इस महिला के लिए काला अक्षर भैंस बराबर था। ज़िद करते हुए नन्हीं बच्चियों के साथ साड़ी पहने हुए ही स्लेट पकड़कर अक्षर ज्ञान लिया। 18 वर्ष की होने तक शादी कर दी गई। ससुराल में पढ़ाई-लिखाई पर पाबंदी के बावजूद पढ़ाई का क्रम जारी रखा। प्राइवेट कैंडिडेट के तौर पर घर पर पढ़ाई कर किसी तरह ग्रेजुएशन और फिर अपनी बेटी के साथ ही बीएड किया। आज खुद का स्कूल चला रही है। शिक्षा के क्षेत्र में एक मिसाल बनकर उभरी है।''

विकलांग, नेत्रहीन समेत हज़ारों लोगों को तैरना और डूबते को बचाना सिखाया है इस गोताखोर ने!

अभी दाऊलाल की सांसें नॉर्मल भी नहीं हुई थी कि उन्हें फिर से छलांग लगानी पड़ी। वे जहां कूदे, वहां जल विभाग ने एक बड़ा पाइप डाल रखा था। उनका घुटना उस पाइप से जा टकराया। वे दर्द से कराह उठे, देखा पानी लाल हो रहा है। यह उनका ही खून था।

गाँव से 5 किमी दूर पैदल जाया करते थे पढ़ने, अब अमेरिका में बने नामी वैज्ञानिक!

''मैंने भारत सरकार से वादा किया है कि यदि हमारी तकनीक से बने खाद को सरकार लागत मूल्य से आधे पर किसान को उपलब्ध करवाती है तो हम तकनीक का लाइसेंस उनको बिना किसी शुल्क लिए प्रदान करने का प्रयास करेंगे।''