बीकानेर, राजस्थान के एक छोटे से गाँव में जन्में प्रेमसुख डेलू ने बड़ी कठिनाइयों में अपना बचपन बिताया, लेकिन अपनी कड़ी मेहनत की वजह से आज वह एक IPS अफसर बनकर देश की सेवा कर रहे हैं।
नागपुर स्थित केंद्रीय जांच ब्यूरो में पुलिस अधीक्षक के रूप में सेवारत आईपीएस निर्मला देवी मूल रूप से तमिलनाडु के कोयंबटूर के अलंदुराई गाँव की रहने वाली हैं।
डॉ. कौर ने अपने कोचिंग की शुरूआत नौवीं कक्षा के 50 से अधिक छात्रों के साथ की। जिनमें से आज कुछ ने नागालैंड के सीएम छात्रवृत्ति परीक्षा में सफलता हासिल की है, तो कईयों ने राज्य सरकार की विभागीय परीक्षाओं को क्लियर किया है। जबकि, कई इस साल यूपीएससी की परीक्षा देंगे।
सूरज के कॉल सेंटर की नौकरी छोड़ने के फैसले पर उनके बॉस ने उनका इंक्रीमेंट दोगुना कर देने की पेशकश की, लेकिन सूरज नहीं माने। अपनी नौकरी के दौरान सूरज ने जो पैसे बचाए थे उसे लेकर 2007-08 में वे यूपीएससी की कोचिंग लेने के लिए दिल्ली चले गए। लेकिन लगभग छह महीने में ही उनके पास पैसे खत्म हो गए।