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Video: दार्जिलिंग से आकर दिल्ली में 'मोमोस' से बनाई पहचान, एक अकेली माँ की प्रेरक कहानी

दार्जिलिंग की रहने वाली यूडेन आंटी, फिलहाल दिल्ली में "दार्जिलिंग स्टीमर्स” रेस्टोरेंट चलातीं हैं। लेकिन, एक अकेली माँ होने के कारण, उन्हें इस बिजनेस को शुरू करने के लिए कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। देखिये उनकी प्रेरक कहानी।

लद्दाख: जहाँ मोबाइल, टी.वी पर भी थी रोक, उस समुदाय की पहली वकील बन बदली सोच

लद्दाख के बोग्दंग गाँव की रहने वाली जुलेखा बानो अपने ‘बाल्टी समुदाय’ में वकील बनने वाली पहली महिला हैं। लेकिन, उनका यह सफर कई कठिनाइयों से भरा रहा है। यहाँ पढ़िए, उनकी प्रेरक कहानी!

प्रेरक कहानी: नागालैंड की IPS अधिकारी चला रहीं हैं मुफ्त कोचिंग सेंटर, सीखा रहीं जैविक खेती

डॉ. कौर ने अपने कोचिंग की शुरूआत नौवीं कक्षा के 50 से अधिक छात्रों के साथ की। जिनमें से आज कुछ ने नागालैंड के सीएम छात्रवृत्ति परीक्षा में सफलता हासिल की है, तो कईयों ने राज्य सरकार की विभागीय परीक्षाओं को क्लियर किया है। जबकि, कई इस साल यूपीएससी की परीक्षा देंगे।

पति के गुजरने के बाद,10 हज़ार रुपये से शुरू किया अचार का बिज़नेस, अब लाखों में है कमाई

By पूजा दास

बाधाओं को अवसर की तरह देखने वाली दीपाली ने अकेले ही अपनी बेटी की परवरिश की है और बिज़नेस को शून्य से शिखर तक पहुँचाया है।

माँ ने अकेले ही पत्तों की झोपड़ी में पाला, आज डॉक्टर व IAS बना यह आदिवासी बेटा

“बचपन से मैं एक डॉक्टर बनना चाहता था ताकि मैं दूसरों की मदद कर सकूँ। लेकिन बड़े होने के बाद मुझे लगा कि लोगों की मदद करने के लिए पहले मुझे उन्हें शिक्षित करके बेहतर अवसर प्रदान करना चाहिए। इसके लिए मैंने सिविल सर्विसेज को चुना।” - डॉ. राजेंद्र भरुद, डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, नंदुरबार जिला, महाराष्ट्र।

कभी फीस के पैसों के लिए सड़कों पर बेचते थे अंडे, आज UPSC की परीक्षा पास कर बने अफसर

1996 में बिहार से दिल्ली आये मनोज अपनी आजीविका चलाने के लिए अंडे व सब्जियाँ बेचा करते थे, लेकिन अपनी मेहनत और सही संगत ने मनोज को फर्श से अर्श तक पहुँचा दिया। पढ़िए उनकी यह प्रेरक कहानी।

UPSC Prelim: कोरोना के माहौल में कैसे करें परीक्षा की तैयारी, जानिए आईएएस अफसरों से!

By पूजा दास

“अभी बहुत ज़्यादा घटनाएँ नहीं हैं और ज़्यादातर खबरें कोविड-19 से ही जुड़ी हुई हैं। इसलिए वैकल्पिक विषय पर काम करना अच्छा होगा।” सुरभि गौतम ,आईएएस

रिटायर्ड फौजी की पहल; लॉकडाउन में युवाओं को जोड़ा और बनवा दी 3.5 किलोमीटर सड़क!

लॉकडाउन के दौरान 28 दिन तक 40 युवाओं ने 10 से 12 घंटे नियमित काम कर इस चुनौती को पूरा किया।