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इस ‘वंडर क्लाइंबर' की मदद से, बिना पेड़ पर चढ़े सुपारी की कटाई कर सकते हैं किसान

By निशा डागर

केरल के कोड़िकोड में मायनाड में रहने वाले प्रकाशन तटारी को सुपारी कटाई के लिए बनाई गई मशीन, ‘वंडर क्लाइंबर' के लिए इनोवेशन अवॉर्ड भी मिला है।

16 वर्षीय छात्र का अनोखा आविष्कार, घर में गैस लीक होने पर यह डिवाइस आपको करेगा फोन

मुंबई में रहने वाले शिव कंपानी ने आगजनी की घटनाओं को देखते हुए, ‘Sensafe’ नाम की एक ऐसी मशीन बनाई है, जिससे आगजनी के किसी भी खतरे से पहले ही लोगों को अलर्ट किया जा सकता है।

किसान ने बनाई अनोखी मशीन, एक घंटे में निकलता है 10 क्विंटल टमाटर का बीज

ओडिशा के रेसिंगा गाँव के रहने वाले दिलीप बरल 1997 से फसलों से बीज तैयार करने के बिजनेस में हैं। इस दौरान उन्हें हाथों से बीज निकालने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इसी से प्रेरित होकर उन्होंने कुछ अलग करने का प्रयास किया, ताकि कम समय में अधिक से अधिक बीज निकाला जा सके।

हरियाणा का वह छात्र जिसने 16 साल की उम्र में कर दिया साँसों से बोलने वाली मशीन का आविष्कार

हरियाणा के पानीपत के रहने वाले अर्श शाह दिलबगी ने महज 16 साल की उम्र में ‘टॉक’ नाम से एक ऐसे यंत्र को बना डाला था, जो एमियोट्रॉफ़िक लैटरल स्कलिरॉसिस और पार्किंसन रोग जैसी बीमारियों की वजह से अपनी आवाज खो बैठे लोगों को साँसों के जरिए बोलने में मदद कर सकती है।

ज़ोमाटो डिलीवरी बॉय ने बना दी इलेक्ट्रिक-सोलर साइकिल, इसी से करते थे इको-फ्रेंडली डिलीवरी

By निशा डागर

इंद्रजीत सिंह ने सोलर साइकिल के अलावा एग्री-मशीन और मल्टी पर्पज ड्रोन भी बनाया है!

500 रुपये और एक पुरानी साइकिल, इस इनोवेशन से उठा सकते हैं भारी से भारी गमला

By निशा डागर

जितेंद्र की पत्नी अर्चना को एक दिन गमला उठाते समय चोट आ गई थी और गमला भी टूट गया। इस घटना के बाद उन्होंने इस बारे में कुछ करने की ठानी!

माँ की परेशानी देख इस बेटे ने बना दिया एक घंटे में 200 चपाती तैयार करने वाला रोटीमेकर

बोम्मई ने एक ऐसा कोयला स्टोव भी तैयार किया है, जो परंपरागत कुकिंग के तरीकों के मुकाबले 80 फीसदी कम प्रदूषण उत्पन्न करता है।

एक घंटे में निकालिए 200 से ज्यादा गन्ने के बीज, इस यंत्र की कीमत है मात्र 2000 रुपये

By निशा डागर

इस मशीन से गन्ने के बीज निकालने से गन्ने की बर्बादी नहीं होती। आप बीज निकालने के बाद गन्नों को सुगर मिल में बेच सकते हैं!

आंध्र-प्रदेश के राजेंद्र प्रसाद का अनोखा आविष्कार, मटके को बिना छुए निकाल सकते हैं पानी!

By निशा डागर

राजेंद्र प्रसाद का उद्देश्य 'प्रॉब्लम टू प्रोडक्ट' है यानी कि समस्यायों पर बहस करते रहने की बजाय उनका समाधान ढूँढना!

दिव्यांगता को मात दे बनाई अपनी पहचान, खुद अपने लिए किया स्पेशल स्कूटर का आविष्कार!

By निशा डागर

"15 साल की उम्र तक तो मैं अपनी माँ की पीठ पर ही बैठकर सब जगह जाया करता था। लेकिन मुझे यह अच्छा नहीं लगता था कि मैं हर काम के लिए किसी और पर निर्भर रहूं। इसलिए मैंने खुद को आत्मनिर्भर बनाया।"