अजंता की गुफाओं की खोज 1819 में एक सैनिक अधिकारी जॉन स्मिथ ने की। सह्याद्रि पर्वतमाला में बनीं ये गुफाएं सदियों से निर्वाण का प्रवेश द्वार बनी हुई हैं। पढ़िए इसके खोज की रोचक कहानी।
बिजू भास्कर ने 15 साल पहले राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के कई गाँवों का दौरा कर भारतीय वास्तुकला के संबंध में जानकारियों को इकठ्ठा किया। इसके बाद, उन्होंने इन जानकारियों को लोगों तक पहुँचाने के लिए थनल की स्थापना की, जिसका हिन्दी अर्थ है - परछाई।