IIT कानपुर के रिसर्चर डॉ. अर्चना रायचूर और डॉ. नीरज सिन्हा ने एक नैनो एडजोर्बेंट का आविष्कार किया है, जो मिट्टी के बर्तनों में जमा पानी से दूषित पदार्थों को निकालता है।
अमेरिका में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड एंड टेक्नोलॉजी की ओर से ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें आईआईटी कानपुर द्वारा बनाए गए ड्रोन विभ्रम को तीन कैटेगरी में खिताब मिले हैं।
बिहार के निक्की कुमार झा और रश्मि झा के स्टार्टअप, सप्तकृषि ने एक उपकरण बनाया है - 'सब्जीकोठी'। इसकी मदद से किसान अपनी उपज को एक महीने तक ताज़ा रख सकते हैं।