राजकोट के 30 वर्षीय रसिक नकुम ने साल 2013 में टीचर की नौकरी के साथ-साथ हाइड्रोपोनिक तरीके से सब्जियां उगाना शुरू किया था। वहीं, पिछले चार सालों से वह नौकरी छोड़कर एक कृषि एक्सपर्ट के तौर पर काम कर रहे हैं। पढ़ें, कैसे हुआ यह सब मुमकिन।
जिस उम्र में युवा बड़ी-बड़ी नौकरियों के सपने देखते हैं, उस उम्र में तिरुपति के रहनेवाले संदीप कन्नन ने हाइड्रोपोनिक खेती की राह चुनी। आज उनका स्टार्टअप ‘व्यवसायी भूमि’ अच्छी खासी कमाई कर रहा है।