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गाँवों से 40 टन कचरे का प्रबंधन करके 2, 000 यूनिट/दिन बिजली बना रहे हैं ये तीन भाई!

By निशा डागर

अमृत फ़र्टिलाइज़र से फ़िलहाल लगभग 1000 किसान जुड़े हुए हैं, जिनकी आमदनी में पहले से 60% तक की बढ़ोतरी हुई है!

35 सालों से असहाय लोगों को रोटी, कपड़ा और घर दे रहा है हरियाणा का यह ट्रक ड्राईवर!

By निशा डागर

देवो आश्रम के नाम से देव गोस्वामी दो शेल्टर होम चला रहे हैं, एक गन्नौर में और एक दिल्ली के द्वारका में। गन्नौर में फ़िलहाल 100 से ज़्यादा लोग हैं तो द्वारका में 80 लोगों का पालन-पोषण हो रहा है!

यूट्यूब से हर महीने 2 लाख रुपए कमाता है हरियाणा का यह किसान!

By भरत

आज दर्शन सिंह की बदौलत देश के सुदूर हिस्से में बसे किसानों को उस तकनीक और तरीके को समझने का मौका मिला है जिसे सफल किसान अपना रहे हैं।

ट्यूशन पढ़ाकर 50 से ज़्यादा बेसहारा कुत्तों की देखभाल कर रही है इंजीनियरिंग की यह छात्रा!

By निशा डागर

Haryana में सोनीपत की रहने वाली 21 वर्षीय शैनदीप अरोड़ा अपनी गली में बेसहारा घुमने वाले 50 से भी ज़्यादा कुत्तों की देखभाल करती है। उन्हें दो वक़्त खाना नियमित रूप से खाना खिलाने के अलावा, वे इनके बीमार पड़ने पर इन्हें जानवरों के डॉक्टर के पास भी लेकर जाती हैं।

साइंस या मनोरंजन : 250+ हैंड्स ऑन एक्टिविटी से विज्ञान सिखा रहे हैं सरकारी स्कूल के यह शिक्षक!

By निशा डागर

Haryana में यमुनानगर जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, कैंप में विज्ञान अध्यापक के पद पर कार्यरत दर्शन लाल बवेजा को शिक्षक के साथ-साथ विज्ञान संचारक के रूप में भी जाना जाता है। बच्चों को विज्ञान के अलग-अलग सिद्धांत समझाने के लिए उन्होंने 250+ हैंड्स ऑन गतिविधियाँ तैयार की हैं।

चंडीगढ़ पुलिस का सिपाही बन गया हरियाणा का 'ट्री-मैन,' लगवाए डेढ़ लाख से भी ज़्यादा पेड़-पौधे!

By निशा डागर

चंडीगढ़ पुलिस में कोंस्टेबल के पद पर कार्यरत देवेंदर सूरा को 'हरियाणा का ट्री-मैन' कहा जाता है। पिछले 7 सालों में उन्होंने अपने वेतन खर्च कर लगभग 182 गांवों और कुछ अन्य शहरों में 1, 54, 000 पेड़ लगवाए हैं और लगभग 2, 72, 000 पेड़ स्कूल, शादी समारोह, रेलवे स्टेशन, मंदिर आदि में जा-जाकर बांटे हैं।

24 साल पहले हुई कन्या भ्रूण हत्या ने बदली ज़िंदगी; अब तक 415 बच्चियों का जीवन संवार चुकी हैं यह डॉक्टर!

Punjab की 52 वर्षीय डॉ. हरशिंदर कौर पिछले 24 सालों से Punjab-Haryana में 'कन्या भ्रूण हत्या' जैसी कुरूति के खिलाफ़ लड़ रही हैं। उनके प्रयासों को न केवल भारत से बल्कि कनाडा, युएसए, मलेशिया, जैसे देशों में भी समर्थन मिला है। डॉ. कौर की वजह से ही दोनों राज्यों के ग्रामीण इलाकों में जागरूकता आई है।

'अच्छे बच्चे बॉक्सिंग नहीं करते', कहकर पिता ने रोक दिया था प्रशिक्षण; आज बेटी ने गोल्ड जीत कर किया नाम रौशन!

By मानबी कटोच

एशियाई खेलों में गोल्ड जीतने वाली हरयाणा की पूजा रानी के पिता उनकी बॉक्सिंग के ख़िलाफ़ थे. पर इस भारतीय खिलाड़ी ने चुपके से प्रशिक्षण किया और भारत का नाम रौशन किया.