28 वर्षीया ज्योति ने 8 महीनों में लगभग 45 किलोग्राम सब्ज़ियाँ अनाथ-आश्रमों को पहुंचाई हैं। लॉकडाउन के दौरान भी उन्होंने बहुत से ज़रूरतमंदों को अपनी उगाई हुई सब्जियाँ बांटी!
"सिर्फ दो महीने की मेहनत से हमें इतनी उपज मिली कि यह हमारे चार परिवारों के लिए पर्याप्त से भी ज्यादा है। हमें कहीं बाहर से सब्जियां खरीदने की ज़रूरत ही नहीं है, बल्कि दूसरे लोग हमारे यहाँ आकर सब्जियां लेकर जाते हैं।"