नैहाटी, पश्चिम बंगाल की रहने वाली नीता सिंह अपने घर में इस्तेमाल होने वाले आटा, दाल, चायपत्ती, चीनी, ओट्स आदि की खाली थैलियों को कचरे में फेंकने की बजाय पौधे उगाने के लिए इस्तेमाल करतीं हैं।
पुणे के रहने वाले इंजीनियर और अब एक ‘अर्बन किसान’ समीर, पिछले 5 सालों से अपनी छत पर ‘एक्वापोनिक्स’ तरीके से 63 किस्म की सब्ज़ियां उगा रहे हैं। जिनमें टमाटर, पालक, पुदीना, खीरा, मक्का, स्टीविया और कद्दू शामिल हैं।