बेंगलुरु की जिंसी सैमुअल ने खेती में बिना किसी औपचारिक ट्रेनिंग के, अपनी छत पर हाइड्रोपोनिक और एक्वापोनिक विधि से 230 तरह की फल-सब्जियां उगाती है। साथ ही, झींगा तथा तिलापिया मछलियों का भी होता है प्रजनन।
केरल के कोल्लम जिले में कोट्टाराकरा के रहने वाले 41 वर्षीय डॉ. हरि मुरलीधरन, पिछले 10 सालों से अपने खेत में लगभग 800 विदेशी प्रजातियों के फलों के पेड़-पौधे उगा रहे हैं। जिनमें सॉनकोय, अलामा, यूगु, बिगनेय आदि शामिल हैं।
लॉकडाउन के दौरान गोवा के रहने वाले साईराज ढोंड ने ‘Wakao Foods' नामक स्टार्टअप शुरु किया, जिसके कटहल से बनाये रेडी टू ईट व्यंजन आपको बिलकुल चिकन जैसे लगेंगे।
केरल के तिरुवनंतपुरम निवासी, राजमोहन ने अपने घर की छत पर ग्रो-बैग्स में अंगूर उगाकर इस धारणा को बदल दिया है कि अंगूर केवल पहाड़ी क्षेत्रों में ही उगते हैं।
बेंगलुरु में रहने वाली अश्विनी गजेन्द्रन पिछले 3 सालों से अपनी छत पर हर तरह के फल-फूल और साग-सब्जियां उगा रहीं हैं और उन्हें अपने गार्डन से इतनी उपज मिलती है कि वह बाहर से न के बराबर सब्जियां खरीदतीं हैं!
ब्रह्मदेव कुमार अपनी छत पर फूल और मौसमी सब्जियों के अलावा थाईलैंड अमरुद, थाई एप्पल बेर, पान, ड्रैगन फ्रूट, आम, मौसम्बी, निम्बू, संतरा और अंजीर जैसे फल भी उगा रहे हैं!