मिलिए राजस्थान के रहने वाले राजेश ओझा से, जिन्होंने शहरी जीवन छोड़कर गांव में रहकर ही खड़ा किया शानदार रोजगार। जिसके ज़रिए आज वह कचरे में जा रहे फलों को बचाने के साथ-साथ गांव की 1200 महिलाओं को रोजगार भी दे पा रहे हैं।
दहाणु (महाराष्ट्र) की 67 वर्षीया लतिका पाटिल, अपने पति अच्युत पाटिल के साथ मिलकर 'औरा ग्रीन' नाम से एक फ़ूड प्रोसेसिंग बिज़नेस चला रही हैं, जिसमें वह सोलर की कई मशीनों का इस्तेमाल करती हैं।
पेशे से इंजीनियर, सूरत के जशवंत पटेल ने BSNL में नौकरी से रिटायर होने के बाद खेती करना शुरू किया। आज वह ऐसी-ऐसी किस्मों के ड्रैगन फ्रूट उगा रहे हैं, जिनको चखना तो दूर हमने देखा भी न हो।