दिल्ली में कॉरपोरेट नौकरी कर रहे सचिन कोठारी ने जॉब छोड़ दी और देहरादून वापस चले गए। वहां उन्होंने देवभूमि plant nursery शुरू की और आज वह गेंदा, बोक चोय, बैंगन, जैसे फूलों व सब्जियों की 20 से ज्यादा किस्मों की पौध बेचते हैं।
देहरादून के मोथरोवाला में रहने वाली, मालती हलदार ने लॉकडाउन में अपनी नौकरी खोने के बाद, आपदा को अवसर में बदलते हुए, अपने बचपन के सपने को पूरा करने के लिए, 'Mal_Cui' नाम से अपने एक होम किचन की स्थापना की। अब, वह पांच महिलाओं को रोजगार दे रही हैं।
लगभग 60 करोड़ भारतीय आज पानी न होने की समस्या से ग्रस्त हैं, 75% घरों में पीने के लिए पानी नहीं है और 84% ग्रामीण घरों में आज भी वॉटर पाइपलाइन नहीं है!
अब तक 40 हजार से अधिक पेड़ लगा चुके रुद्रप्रयाग जनपद के राजकीय प्राथमिक विद्यालय, कोट तल्ला के शिक्षक सतेंद्र सिंह भंडारी ने पर्यावरण संरक्षण का जो अभियान शुरू किया, वह आज भी जारी है।