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शहर में लैपटॉप के इर्द गिर्द घूमती जिंदगी छोड़ पहाड़ में डाला डेरा, शुरू की देवभूमि नर्सरी

दिल्ली में कॉरपोरेट नौकरी कर रहे सचिन कोठारी ने जॉब छोड़ दी और देहरादून वापस चले गए। वहां उन्होंने देवभूमि plant nursery शुरू की और आज वह गेंदा, बोक चोय, बैंगन, जैसे फूलों व सब्जियों की 20 से ज्यादा किस्मों की पौध बेचते हैं।

लाकडाउन में गई नौकरी तो सुनी अपने मन की आवाज, शुरू किया होममेड फूड स्टार्टअप

देहरादून के मोथरोवाला में रहने वाली, मालती हलदार ने लॉकडाउन में अपनी नौकरी खोने के बाद, आपदा को अवसर में बदलते हुए, अपने बचपन के सपने को पूरा करने के लिए, 'Mal_Cui' नाम से अपने एक होम किचन की स्थापना की। अब, वह पांच महिलाओं को रोजगार दे रही हैं।

पायलट की ट्रेनिंग लेने के बाद भी बन गए शेफ, अब बॉलीवुड भी है इनके खाने की दीवानी

By निशा डागर

देहरादून के समीर सेवक एक होम-शेफ हैं जो वीकेंड पर टूरिस्ट और अन्य लोगों से आर्डर लेते हैं और जल्द ही, वह अपना किचन भी शुरू करने वाले हैं!

कुक से नेचर गाइड बने तौकीर समझते हैं पक्षियों की जुबां, कर रहे प्रकृति का संरक्षण!

बाइनाक्यूलर के जरिये चिड़ियों के व्यवहार और मूवमेंट का अध्ययन करने वाले तौकीर केवल रंग और आवाज से ही कुछ सेकंड्स में चिड़िया का नाम बता देते हैं।

मन की आवाज़ सुन छोड़ी शहरी नौकरी, गाँव लौट बंजर ज़मीन में डाली जान!

नरेन्द्र क्षेत्र के युवाओं के लिए भी स्वरोजगार की नई इबारत लिख रहे हैं। उन्हें देख कई अन्य युवा जैविक खेती की ओर अग्रसर हुए हैं।

प्लास्टिक वापसी अभियान: 20 सरकारी स्कूल, 5200 छात्र, 555 किग्रा प्लास्टिक वेस्ट!

By निशा डागर

हर एक क्लास में से एक छात्र को 'प्लास्टिक प्रहरी' नियुक्त किया गया और इस तरह से इन 20 स्कूलों में 168 प्रहरी नियुक्त हुए!

देहरादून: सात दोस्तों ने मिलकर लगाया जनता फ्रिज, मिटाते हैं गरीबों की भूख, प्यास!

फ्रिज की कीमत चुकाने के लिए ये सातों दोस्त अपनी तनख्वाह से प्रति माह दो हजार रुपये कटा रहे हैं।

'हर बूंद ज़रूरी है,' सीखिए कैसे घरेलु स्तर पर बचा सकते हैं पानी!

By निशा डागर

लगभग 60 करोड़ भारतीय आज पानी न होने की समस्या से ग्रस्त हैं, 75% घरों में पीने के लिए पानी नहीं है और 84% ग्रामीण घरों में आज भी वॉटर पाइपलाइन नहीं है!

उत्तराखंड के इस सरकारी स्कूल को इस शिक्षक ने बनाया 'पहाड़ का ऑक्सफोर्ड'!

By Sanjay Chauhan

अब तक 40 हजार से अधिक पेड़ लगा चुके रुद्रप्रयाग जनपद के राजकीय प्राथमिक विद्यालय, कोट तल्ला के शिक्षक सतेंद्र सिंह भंडारी ने पर्यावरण संरक्षण का जो अभियान शुरू किया, वह आज भी जारी है।