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यूपी के इस आईएएस ने बाजार से आधी कीमतों पर बनायी टॉप-क्वालिटी पीपीई किट!

‘ऑपरेशन कवच’ नाम की यह पहल लगभग 175 गाँव की महिलाओं को सशक्त बना रही है। सिर्फ यही नहीं भारतीय सेना पहले ही अपने अस्पतालों के लिए बड़ी तादाद में पीपीई किट के लिए इन्हें ऑर्डर दे चुकी है।

श्रमिकों के शुक्रिया करने का अनोखा अंदाज़, आश्रय बने सरकारी स्कूल की बदली सूरत

सरपंच बताते हैं कि कुछ प्रवासी श्रमिकों ने स्कूल को चमकाया तो दूसरे भी खाली नहीं बैठे। कोई श्रमिक पौधों की देखभाल और इन्हें पानी देने के काम में जुटा है तो कोई निराई गुड़ाई करने लगता है। कोई अन्य कार्य में हाथ बंटाता है।

कोविड-19: श्रमिकों और जरूरमंदों की सहायता कर रहे हैं देशभर के युवा, आप भी दे सकते हैं साथ

कोरोना महामारी के दौर में सबसे अधिक नुकसान श्रमिक वर्ग का हुआ है। इन सभी तक मदद पहुंचाने के लिए कुछ युवा और उनकी संस्थाएं बढ़-चढ़कर आगे आ रही हैं।देश के अलग-अलग हिस्सों में भागीरथ प्रयास में जुटे ऐसे ही कुछ युवाओं के बारे में हम यहां बता रहे हैं।

अहमदाबाद: 23 वर्षीय इंजीनियर के बनाए COVID-19 मैप से अब जानिए किस इलाके में हैं मरीज़!

By निशा डागर

इस मैप की मदद से आप पता लगा पाएंगे कि आप अपने इलाके में किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं या नहीं!

जयपुर: 79 वर्षीया माया शर्मा हर रोज़ 4-5 घंटे बैठ बनाती हैं ज़रूरतमंदों के लिए मास्क

By मानबी कटोच

उम्र हो जाने की वजह से अब उनसे सुई में धागा नहीं पिरोया जाता, तो यह काम उनकी 8 साल की पोती काव्या बड़े शौक से उनके लिए करती है।

नागालैंड के आईएएस की पहल- लॉकडाउन में घर तक पहुंचा रहे हैं पानी, दवा, गैस औऱ जरूरी सामान

By पूजा दास

लॉकडाउन के बीच भारत-म्यांमार सीमा के पास नागालैंड जिला के एक आईएएस अधिकारी सब्जियों की होम डिलिवरी से लेकर बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए कैसे काम कर रहे हैं, आईए जानते हैं।

#BetterTogether: 5000 से ज़्यादा दिहाड़ी मजदूरों को मासिक फूड किट दे रही हैं मुंबई की आईआरएस अधिकारी!

By पूजा दास

लॉकडाउन के बीच, जरूरतमंदों के लिए फंड रेज़िंग अभियान शुरू करने के अलावा डॉ मेघा भार्गव ने मुंबई और गुजरात पुलिस को 2000 से भी ज़्यादा हैंड सैनिटाइटर दिए हैं!

रायपुर: प्रवासी श्रमिकों के लिए बना 'आश्रय स्थल'; योग, खेल, शिक्षा और काउंसलिंग की भी है सुविधा

By द बेटर इंडिया

इस कठिन समय में इन्हें घर जैसा वातावरण देने का प्रयास किया जा रहा है।

क्या हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन कोविड-19 के इलाज में कारगर है? जानिए एक्सपर्ट से

द बेटर इंडिया ने जाने माने बायोकेमिस्ट और भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) के पूर्व निदेशक प्रोफेसर जी पद्मनाभन से बात की, जो मलेरिया पर अपने काम के लिए जाने जाते हैं।

कोरोना संकट में थैलासीमिया पीड़ित बच्चों तक ब्लड पहुंचा रहे हैं पटना के मुकेश हिसारिया

By पुष्यमित्र

चूंकि इनमें से ज्यादातर बच्चे गरीब परिवार से आते हैं, इसलिए उनके परिवार में इन दिनों खाने-पीने की भी दिक्कत हो रही है। वह उन्हें मुफ्त राशन भी उपलब्ध करा रहे हैं।