मुंबई में रहने वाले डॉ. मार्कस राणे और उनकी पत्नी, डॉ. रायना राणे की पहल 'Meds For More' के अंतर्गत बहुत से लोग, अपने घरों में बची हुई दवाइयों को जरूरतमंदों की मदद के लिए दान कर रहे हैं। ये दवाइयां सभी मरीजों को मुफ्त में दी जा रही हैं।
महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले के IAS ऑफिसर डॉ. राजेंद्र भारूड़ ने कोरोना की दूसरी लहर के बीच पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई, बेड, एक नियोजित टीकाकरण अभियान और व्यवस्थित तैयारी के साथ, जिले को बचाये रखने में कामयाबी हासिल की है।
"कला साक्षी के माध्यम से हम कला से जुड़े छात्रों को प्रोत्साहित करना चाहते हैं कि वे अपने ऊपर भरोसा रखें, अपने टैलेंट को खोने न दें। जिस तरह हमारी बेटी ने गलत कदम उठाकर अपने जीवन को गंवा दिया, कोई और ऐसा न करे।"- कविता नायर
कोरोना महामारी के दौर में सबसे अधिक नुकसान श्रमिक वर्ग का हुआ है। इन सभी तक मदद पहुंचाने के लिए कुछ युवा और उनकी संस्थाएं बढ़-चढ़कर आगे आ रही हैं।देश के अलग-अलग हिस्सों में भागीरथ प्रयास में जुटे ऐसे ही कुछ युवाओं के बारे में हम यहां बता रहे हैं।
लॉकडाउन के बीच, जरूरतमंदों के लिए फंड रेज़िंग अभियान शुरू करने के अलावा डॉ मेघा भार्गव ने मुंबई और गुजरात पुलिस को 2000 से भी ज़्यादा हैंड सैनिटाइटर दिए हैं!
कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन 4 मई तक बढ़ाए जाने के साथ, देश भर के किसानों और ग्राहकों, दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में सीधा खेतों से घरों तक सब्जियां पहुंचाने का मॉडल एक बेहतर समाधान हो सकता है।
टैक्स फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ाने के साथ-साथ प्रोविडेंट फंड अकाउंट से पैसे निकालने की सुविधा देने तक, सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि COVID-19 से देश में जो परेशानियाँ हो रहीं हैं, उन्हें कुछ कम किया जाए!