चेन्नई के केके नगर के एक कॉम्प्लेक्स में 10 साल से अधिक समय तक घरेलू सहायिका के रूप में काम करने वाली अम्मा इस वायरस से जूझने के बाद लगभग एक महीने तक काम पर नहीं जा सकीं। यह काम उनकी आजीविका का एकमात्र स्रोत था।
टैक्स फाइल करने की आखिरी तारीख बढ़ाने के साथ-साथ प्रोविडेंट फंड अकाउंट से पैसे निकालने की सुविधा देने तक, सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि COVID-19 से देश में जो परेशानियाँ हो रहीं हैं, उन्हें कुछ कम किया जाए!
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में श्रमिक दूसरे जिले से परिवार के साथ काम करने आए थे। इनका राशन खत्म हो गया था और छोटे-छोटे बच्चे बीमार थे। इस बीच इनको समझ नहीं आ रहा था कि कहाँ जाए और क्या करें?
“मैं इस महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले लोगों के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहूंगा। वे परिवार से दूर अपने कर्तव्य के प्रति अटूट भावना के साथ काम कर रहें हैं।”