अहमदाबाद की नेहा भट्ट ने एक हादसे में अपने दोनों पैर खो दिए लेकिन हार मानने के बजाय उन्होंने अपने आप को नई पहचान दिलाने का फैसला किया। जानिए कैसे आज वह आत्मनिर्भर बनकर पूरे शहर में मशहूर हो गई हैं।
उत्तराखंड की काकुली विश्वास पिछले दो सालों से दिल्ली में एक फ़ूड स्टॉल चला रही हैं, ताकि अपने एक दिव्यांग बेटे और दो बेटियों को पढ़ा-लिखाकर आत्मनिर्भर बना सकें।
अहमदाबाद की कुलदीप एंथोनी फर्नांडीज, पिछले 21 सालों से 'Aunty's Dhaba' चला रही हैं। मात्र 2000 रुपये कमाने के चैलेंज से उन्होंने इस काम की शुरुआत की थी, लेकिन आज वह इससे लाखों की कमाई कर रही हैं।
90 साल की उम्र में भी लक्ष्मी अम्मल, मेहनत करने से नहीं डरतीं। उन्होंने अपनी 72 साल की बेटी के साथ मिलकर पिछले साल ही चेन्नई के पास 'वक्साना फार्म स्टे' की शुरुआत की है।
पहाड़ों के स्वाद को देशभर तक पहुंचाने के लिए उत्तराखंड की शशि बहुगुणा रतूड़ी ने 'नमकवाली' की शुरुआत की थी, जिसके ज़रिए वह 'पिस्यु लूण' यानी पहाड़ी नमक को सिलबट्टे पर पीसकर दुनिया भर तक ले गईं और बना दिया इसे एक ब्रांड।
दिल्ली में रहने वाली हिरण्यमयी शिवानी और उनकी बहू मंजरी सिंह ने लॉकडाउन के दौरान अपने क्लाउड किचन की शुरुआत की। 'द छौंक' के बिहारी व्यंजनों का स्वाद आज पूरे शहर में मशहूर है और यह बिज़नेस हर महीने लगभग 4 लाख रुपये कमा रहा है।
मिस गोरखपुर रह चुकीं सिमरन गुप्ता की मॉडल से चायवाली बनने की कहानी संघर्ष भरी है। मॉडलिंग के सपने को पंख मिला, तो उन्होंने मिस गोरखपुर का ख़िताब जीता, लेकिन फिर समय पलट गया! पढ़िए ‘माॅडल चायवाली’ की प्रेरणादायक कहानी!