कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले 89 वर्षीय शरणबासवराज बिसराहल्ली ने हाल ही में पीएचडी में दाखिला लेने के लिए प्रवेश परीक्षा दी है। जी हाँ, साल 1929 में जन्में और एक स्वतंत्रता सेनानी रहे शरणबासवराज को हमेशा से ही पढ़ने का शौक रहा है।
राजस्थान के एक सरकारी स्कूल के एक दिव्यांग शिक्षक संजय सेन की अपने छात्रों के पढ़ाते हुए एक तस्वीर ट्विटर पर वायरल हो रही है। संजय सेन साल 2009 से शिक्षा संबल परियोजना के तहत राज्य के सरकारी स्कूल में काम कर रहे हैं।
मुंबई की एक स्कूल प्रिंसिपल ने पांच साल के लम्बे संघर्ष के बाद आखिरकार उस शिक्षक को सजा दिलवाई जो स्कूल में लड़कियों का यौन उत्पीड़न करता था। साल 2013 में शुरू हुआ संघर्ष 13 अगस्त, 2018 को खत्म हुआ। जब शिक्षक को दोषी करार दिया गया।
मैंगलुरु के मितूर का उच्च प्राथमिक सरकारी स्कूल सुविधाओं के मामले में आज निजी स्कूलों की बराबरी कर रहा है। स्कूल में पड़ी बंजर भूमि को एक फार्म में तब्दील कर उससे होने वाली कमाई का इस्तेमाल स्कूल के विकास के लिए किया जा रहा है। कर्नाटक का यह स्कूल लगभग 108 साल पुराना है।