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वर्षा जल संरक्षण

अपनी ही ज़मीन से निकली मिट्टी से बनाया घर, लगाए 800 पेड़-पौधें, न AC, न कूलर, न बिजली बिल

By निशा डागर

तमिलनाडु में पोल्लाची के एक गाँव के रहने वाले रामचंद्रन सुब्रमणियन एक इको-फ्रेंडली घर में रहते हैं, जहाँ उनके बिजली और पानी का बिल एकदम जीरो आता है।

बिना सीमेंट के बनाया घर, पीते हैं बारिश का पानी, नहाने-धोने से बचे पानी से उगाते हैं सब्जी

By निशा डागर

राजस्थान के डूंगरपुर में रहने वाले सिविल इंजीनियर, आशीष पंडा और उनकी पत्नी, मधुलिका से जानिए एक इको-फ्रेंडली और स्वस्थ जीवन जीने के टिप्स।

"धान के लिए जितना पानी लेता हूँ, उसका 4 गुना जमीन को वापस देता हूँ"

By निशा डागर

करनाल, हरियाणा में रहने वाले 32 वर्षीय किसान, नरेन्द्र कम्बोज अपने खेत में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाकर, अपनी फसल और पानी, दोनों बचा रहे हैं।

MBA सरपंच ने बदली सूरत, हर साल 25 लाख लीटर बारिश का पानी बचाता है यह गाँव

By निशा डागर

MBA की डिग्री कर चुके, सत्यदेव गौतम, जब हरियाणा के पलवल जिले के भिडूकी गाँव के सरपंच बने, तब उन्होंने गाँव में बारिश के पानी को बचाने की मुहीम छेड़ी और आज यह गाँव हर साल 25 लाख लीटर बारिश का पानी बचाता है। जानिये कैसे कर दिखाया गाँववालों ने यह कमाल।

नौकरी छोड़ बने किसान, इकट्ठा किया बारिश का पानी, नहीं जलाई पराली, सालाना कमाई हुई 16 लाख

By निशा डागर

करीमनगर, तेलंगाना के रहने वाले मल्लिकार्जुन रेड्डी, सॉफ्टवेयर की नौकरी छोड़कर जैविक खेती कर रहे हैं। उन्हें 'अभिनव किसान पुरस्कार' से भी नवाजा गया है।

झारखंड के 8000+ किसानों के ‘जल संकटमोचक’ बने एक पत्रकार, जानिए कैसे

झारखंड के खूंटी में भीषण जल संकट को देखते हुए सेवा वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक अजय शर्मा “बोरी बाँध” के विचार के साथ आए। इससे 70 गाँवों के 8000 किसानों के लिए निर्बाध पानी की व्यवस्था सुनिश्चित हुई।

युवती का अनोखा स्टार्टअप, किसानों के लिए खेतों में बनाए 12 हज़ार से ज्यादा तालाब

By निशा डागर

महाराष्ट्र के मुंबई में रहने वाली मैथिली की कंपनी सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी की समस्या से जूझ रहे किसानों के लिए सस्ते और टिकाऊ, आर्टिफिशियल तालाब, जलसंचय बना रही है!

DIY वाटर फिल्टर बनाकर पीते हैं वर्षा जल, 6 साल में कभी नहीं खरीदा पानी

संपत, पिछले 6 वर्षों से बेंगलुरू के जक्कुर इलाके में रहते हैं, लेकिन यहाँ जल आपूर्ति की सुविधा नहीं थी। ऐसी स्थिति में, उन्होंने बोरबेल या टैंकर से पानी उपलब्ध करने के बजाय, इंटरनेट से जानकारी हासिल कर DIY विधि से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को विकसित करने का फैसला किया।