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'द ग्रेट ओल्ड मैन ऑफ़ इंडिया' : ब्रिटिश संसद में चुनाव जीतकर लड़ी थी भारत के हित की लड़ाई!

By निशा डागर

साल 1967 में उनकी 'इकनोमिक ड्रेन थ्योरी' पब्लिश हुई, जिसके अनुसार भारत के आर्थिक राजस्व (रेवेन्यु) का एक चौथाई ब्रिटिश लोगों के पास जाता है!

लाल बहादुर शास्त्री : भारत के पहले ‘एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’!

जब भी कहीं लाल बहादुर शास्त्री का नाम सामने आता है तो बहुत-से लोग इनका प्रसिद्ध नारा ‘जय जवान, जय किसान’ को याद करते हैं।

गामा पहलवान: कद कम बता कर जिसे किया टूर्नामेंट से बाहर, उसी ने जीता 'रुस्तम-ए-जहाँ' का ख़िताब!

By निशा डागर

ग़ुलाम मोहम्मद बख़्श उर्फ़ गामा पहलवान, जी हाँ, वही गामा पहलवान जिसने कुश्ती में न सिर्फ़ रुस्तम-ए-हिन्द बल्कि रुस्तम-ए-जहाँ का ख़िताब हासिल किया। वही गामा पहलवान जिसने दम पर आज भी भारत को कुश्ती में विश्व विजेता कहलाने का मुक़ाम हासिल है।

1729, एक टैक्सी और महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन; क्या है इनका संबंध?

By निशा डागर

ब्रिटिश भारत के मद्रास में जन्मे Srinivasan Ramanujan एक महान गणितज्ञ थे। वे दूसरे भारतीय थे, जिन्हें England की The Royal Society की फेलोशिप मिली थी। मात्र 32 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह जाने वाले इस गणितज्ञ के सम्मान में पूरी दुनिया में आयोजन होते हैं।

पिता नेत्रहीन, व्हीलचेयर पर सिमटी माँ: बेटी ने छेड़ दिया नि:शक्त लोगों को सैर-सपाटा कराने का अभियान

By अलका कौशिक

34 साल की नेहा अरोड़ा के पास इरादों का ऐसा गज़ब का पुलिंदा है कि वह ऐसे तमाम लोगों की घुमक्‍कड़ी के इंतज़ाम को चुनौती की तरह लेती है।

'कर्नल' निज़ामुद्दीन: वह वीर, जिसने खुद गोली खाकर बचायी थी, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जान!

एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और आज़ाद हिन्द फ़ौज के सैनिक, 'कर्नल' निज़ामुद्दीन का जन्म उत्तर- प्रदेश में हुआ था। वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस के ड्राईवर और बॉडीगार्ड थे। उन्होंने नेताजी की जान बचाने के लिए खुद बंदूक की तीन गोलियाँ खायी थीं। 6 फरवरी 2017 को अपने गाँव में उन्होंने आख़िरी सांस ली।

18 साल की उम्र में किया 'झाँसी की रानी' रेजिमेंट का नेतृत्व; कमांडर जानकी की अनसुनी कहानी!

18 साल की उम्र में जानकी ने बर्मा में कप्तान लक्ष्मी सहगल के बाद ‘झाँसी की रानी’ रेजिमेंट की कमान संभाली। 'झाँसी की रानी' रेजिमेंट, सुभाष चंद्र बोस की आज़ाद हिंद फ़ौज का अभिन्न अंग थी। इस रेजिमेंट में सिर्फ़ महिलाओं को शामिल किया गया था।

जानिए उस भारतीय वॉलीबॉल खिलाड़ी के बारे में, जिसके सम्मान में इटली में भी बना स्टेडियम!

By निशा डागर

8 मार्च 1955 को केरल में मालाबार क्षेत्र के पेरावूर में जन्में जिम्मी जॉर्ज भारतीय वॉलीबॉल खिलाड़ी थे। अगर उन्हें इस खेल का 'बादशाह' भी कहा जाये तो गलत नहीं होगा। मात्र 16 साल की उम्र में उन्होंने केरल कि राज्य टीम में जगह बना ली थी। 21 साल की उम्र में अर्जुन अवॉर्ड से नवाज़े जाने वाले वे एकमात्र वॉलीबॉल खिलाड़ी हैं।

1200 गाँवों में जाकर लगभग 4 लाख ग़रीब युवाओं को रोज़गार दिला चुकी है यह संस्था!

By मानबी कटोच

अकादमी ने हाल ही में 22 फ़रवरी को उत्तराखंड के देहरादून में अपना 25वां केंद्र खोला है, जिसके ज़रिए वह और युवाओं को प्रशिक्षित कर, साल 2020 तक 1.5 लाख युवाओं को रोज़गार देने के अपने लक्ष्य को पूरा करना चाहती है।

जानिये किसने बनायी थी ऑल इंडिया रेडियो की ऐतिहासिक धुन, जिससे होती थी आपके सुबह की मीठी शुरुआत!

हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है और इस दिन को खास बनाती है, AIR की यादों को एक ही धागे में पिरोती है वह धुन, जो सुबह की पहली किरण के साथ रेडियो पर बजती थी। इस धुन को किसी भारतीय ने नहीं, बल्कि एक चेक यहूदी शरणार्थी, वाल्टर कॉफ़मैन ने इज़ाद किया था।