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कोरोना संकट में थैलासीमिया पीड़ित बच्चों तक ब्लड पहुंचा रहे हैं पटना के मुकेश हिसारिया

By पुष्यमित्र

चूंकि इनमें से ज्यादातर बच्चे गरीब परिवार से आते हैं, इसलिए उनके परिवार में इन दिनों खाने-पीने की भी दिक्कत हो रही है। वह उन्हें मुफ्त राशन भी उपलब्ध करा रहे हैं।

बिहार में गरीब बच्चों को मुफ़्त कोचिंग दे रहा है न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी से पढ़ा यह छात्र!

By निशा डागर

मास्टर्स करने के दौरान किसलय को न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में पढ़ने का मौका मिला। पढ़ाई पूरी होने के बाद उनके पास ढेरों मौके थे जहां वे किसी भी बड़े से बड़े गणितज्ञ के साथ काम कर सकते थे। लेकिन उन्होंने अपने ज्ञान का उपयोग अपने देश के भविष्य के लिए करने की ठानी।

पिछले 26 सालों से गरीब और बेसहारा मरीजों की देखभाल कर रहे हैं पटना के गुरमीत सिंह!

By निशा डागर

पटना के चिरायतंद इलाके में रेडीमेड कपड़ों की दुकान के मालिक गुरमीत सिंह पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (पीएमसीएच) के गरीब और अपने परिवार द्वारा छोड़े हुए बेसहारा मरीजों के लिए रोज रात को खाना लाते हैं। गुरमीत पिछले तीन दशकों से ऐसा कर रहे हैं।

भुला दिए गये नायक: बटुकेश्वर दत्त, वह स्वतंत्रता सेनानी जिसने आजादी के बाद जी गुमनामी की ज़िन्दगी!

By निशा डागर

Batukeshwar Dutt स्वतंत्रता सेनानी बटुकेश्वर दत्त का जन्म 18 नवम्बर 1910 को तत्कालीन बंगाल में बर्दवान जिले के ओरी गांव में हुआ था।

इन युवाओं की थिएटर को करियर विकल्प के तौर पर आम जन से जोड़ने की पहल अब रंग ला रही है!

By निशा डागर

23 वर्षीय राजीव ने साल 2014 में अपने एक दोस्त मदन मोहन आर्य के साथ मिलकर पटना में 'इंडीपेन्डेन्ट थिएटर' यानि कि 'स्वतंत्र रंगमंच' की शुरुआत की। इंडीपेन्डेन्ट थिएटर कोई संस्था या समूह नहीं है बल्कि इंडीपेन्डेन्ट थिएटर एक जरिया है किसी भी कलाकार के लिए जो अपनी कला लोगों को प्रदर्शित करना चाहता है।

मिलिए बिहार के गुरु रहमान से, मात्र 11 रूपये में पढ़ाते हैं गरीब छात्रों को!

By निशा डागर

बिहार के अदम्य अदिति गुरुकुल के हजारों छात्रों के लिए, जो सब इंस्पेक्टर, आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और सीटीओ अधिकारी बन गए हैं, गुरु रहमान वह शिक्षक जिसने उनकी दुनिया बदल दी। डॉ मोतीर रहमान खान ने 1994 में कोचिंग कक्षाएं शुरू की, क्योंकि उन्हें प्यार हो गया था।

गुल्लक बच्चा बैंक : जहाँ के प्रबंधक, उपप्रबंधक और क्लर्क, सभी हैं 14-16 साल के बच्चे!

By निशा डागर

साल 2008 में बिहार सरकार ने राज्य में शिक्षा विभाग के अंतर्गत पटना में किलकारी बाल भवन की शुरुआत की। इसे शुरू करने का मुख्य उद्देश्य गरीब तबके के बच्चों को शिक्षा व व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदान करना था। किलकारी के अंतर्गत गुल्लक बच्चा बैंक की पहल की गयी। इस बैंक ने लिम्का बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में भी जगह बनाई है।

पटना में 'सुपर 30' से 26 विद्यार्थियों ने मारी बाजी, पास की IIT-JEE की परीक्षा

By निशा डागर

पटना में आनंद कुमार के 'सुपर 30' के 26 विद्यार्थियों ने इस बार फिर आईआईटी-जेईई की परीक्षा पास की है। आनंद कुमार ने इस संस्थान की शुरुआत साल 2002 में की थी। ओनिरजीत गोस्वामी, सूरज कुमार, यश कुमार और सूर्यकांत दास समेत अन्य ने इस साल संस्थान से जेईई परीक्षा पास की है।