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साहित्य के पन्नो से - ज्ञानरंजन की कहानी 'पिता'!

By मानबी कटोच

ज्ञानरंजन की अधिसंख्य कहानियों में स्पष्ट दिखने वाली वैयक्तिकता रचनात्मकता के ही रास्ते जिस सफलता से सामाजिक हो जाती है, वह उनकी निजी और खास विशेषता है। आज पढ़ते हैं, उनकी इन्हीं कहानियों में से एक - पिता!

केदारनाथ : डेढ़ साल तक हज़ारों गाँवों में भटक कर ढूंढ निकाला मृत घोषित पत्नी को!

By निशा डागर

राजस्थान के अलवर से ताल्लुक रखने वाले 45 वर्षीय विजेंद्र सिंह राठौर 2013 में हुई उत्तराखंड तबाही के दौरान अपनी पत्नी से बिछुड़ हो गये थे। पर उन्होंने हार नहीं मानी और लगभग डेढ़ साल बाद अपनी पत्नी को ढूंढ लिया। अब फिल्म-निर्माता सिद्दार्थ राय कपूर उनकी कहानी पर फिल्म बनाने जा रहे हैं।

प्रभा खेतान की कहानी - छिन्नमस्ता!

By द बेटर इंडिया

बचपन से ही भेदभाव और उपेक्षा की शिकार साधारण शक्ल-सूरत और सामान्य बुद्धि की प्रिया परिवार की ‘सुरक्षित’ चौहद्दी के भीतर ही यौन शोषण की शिकार भी होती है और तदुपरांत प्रेम और भावनात्मक सुरक्षा की तलाश में उन तमाम आघातों से दो-चार होती है जिनसे सम्भवतः हर स्त्री को गुजरना होता है।

इस्मत चुग़ताई : साहित्य का वह बेबाक चेहरा जिसे कोई लिहाफ़ छिपा न सका!

By निशा डागर

15 अगस्त 1911 को उत्तर प्रदेश के बदायूं में जन्मी इस्मत चुग़ताई उर्दू साहित्य की महान लेखिका थीं। उनके द्वारा लिखे गये अफ़साने और कहानियों को आज भी पढ़ा जाता है। उनकी कहानी 'लिहाफ' को लेकर पुरे देश में बवाल मच गया था। फिर भी उनकी लेखनी का बेबाकपन कम न हुआ। 24 अक्टूबर 1991 में उन्होंने दुनिया से विदा ली।

चेन्नई में जन्मी, हिंदी की बहुचर्चित लेखिका चित्रा मुद्गल की लिखी एक मर्मस्पर्शी कहानी!

By मानबी कटोच

चित्रा मुद्गल आधुनिक हिंदी कथा साहित्य की बहुचर्चित और सम्मानित लेखिका हैं। चित्रा का जन्म 10 सितंबर 1944 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा पैतृक गांव उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में स्थित निहाली खेड़ा और उच्च शिक्षा मुंबई विश्वविद्यालय में हुई।

बेबाक इस्मत आपा की कहानी 'लिहाफ़', जिसकी वजह से उनपर मुकदमा चला!

By मानबी कटोच

Lihaf By Ismat Chugtai, A Story Way Ahead Of Its Time could only be wriiten. लिहाफ कहानी है एक हताश गृहिणी की जिसके पति के पास समय नहीं है।

घर-घर माली का काम करने से लेकर होंडा सिविक का मालिक बनने का सफ़र : ये है पुणे के रामभाऊ की कहानी!

By निशा डागर

पुणे निवासी निनाद वेंगरुलकर के माली रामभाऊ आज बागवानी से लाखों में कमा रहे हैं। उन्होंने आज से चार साल पहले एक माली के रूप में शुरुआत की थी। लेकिन आज उनके पास अच्छा घर, होंडा सिविक गाड़ी है और लगभग 15 लोग उनके नीचे काम करते हैं। निनाद ने एक फेसबुक पोस्ट में उनके बारे में लिखा है।

[विडियो]: कैसे होते हैं हिन्दुस्तानी मुस्लमान? आईये जानते है!

By मानबी कटोच

अक्सर ये सवाल उठता है कि एक हिन्दुस्तानी मुसलमान कितना हिन्दुस्तानी है? इसी सवाल का जवाब कोम्युन के मंच पर हुसैन हैदरी ने दिया है।