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'जाति-जाति' का शोर मचाते केवल कायर, क्रूर : रामधारी सिंह दिनकर को पढ़िए उम्मीद की कविता में

By विनय कुमार

रामधारी सिंह दिनकर ऐसे कवि रहे जो सरकार के साथ काम करते हुए भी जरूरत के वक़्त जनता के साथ खड़े होकर सरकार का विरोध करते रहे।

रामधारी सिंह दिनकर की कविता - 'समर शेष है' !

By मानबी कटोच

आज हम आपके लिए रामधारी सिंह दिनकर की एक ऐसी कविता लाये है जो उन्होंने आजादी के ठीक सात वर्ष बाद लिखी थी। कविता का नाम है - 'समर शेष है'।

पुस्तक समीक्षा : केदारनाथ सिंह की कविता संग्रह ‘अकाल में सारस’!

केदार जी के लिए दुःख शिकायत की बजाय जागृति पैदा करता है। इस जागृति में स्वप्न की बजाय यथार्थ उनका अधिक साथ देता है। 'अकाल में सारस' उम्मीद की कविताएँ हैं।

बेटियों को समर्पित प्रसून जोशी की नयी कविता, जो आपसे पूछ रही है, "शर्म आ रही है ना?"

By मानबी कटोच

रिओ में देश का नाम ऊँचा करने के बाद सब लड़कियों पर गर्व कर रहे है. पर प्रसून जोशी की कविता, 'शर्म आ रही है ना' आपको पीछे मुडके देखने पर मजबूर कर देगी