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श्रद्धांजलि : 15,000 से भी ज़्यादा बच्चों का सुरक्षित प्रसव करवाने वाली 'जननी अम्मा'!

By निशा डागर

जानी-मानी समाज सेविका और पद्मश्री से सम्मानित सुलागिट्टी नरसम्मा ने 25 दिसंबर 2018 को बंगलुरु में अपनी आखिरी सांस ली। कर्नाटक के एक छोटे-से गांव कृष्णपुरा में अपने जीवनकाल में उन्होंने करीब 15 हजार बच्चों का सुरक्षित प्रसव करवाया था।

फ्लाइट के दौरान भारतीय डॉक्टर ने बचाई सहयात्री की जान; एयर फ्रांस ने किया सम्मानित!

By निशा डागर

कर्नाटक के मैसूर निवासी डॉक्टर प्रभुलिंगास्वामी संगनालमाथ कुछ समय पहले पेरिस से बंगलुरु की एयर फ्रांस फ्लाइट में सफ़र कर रहे थे। तभी अचानक फ्लाइट में एक यूरोपियन सहयात्री बेहोश हो गया। ऐसे में डॉक्टर ने तुरंत उसकी जान बचाई। डॉक्टर प्रभुलिंगास्वामी की समय रहते मदद के लिए एयरलाइन ने उनका धन्यवाद किया।

यह मिस्त्री हर साल बन जाता है 'मॉन्स्टर मैन', ताकि करवा सके गरीब दिव्यांग बच्चों का इलाज!

By निशा डागर

कर्नाटक के उदुपी में हर साल कृष्ण-जन्माष्टमी पर स्थानीय कलाकार रंग-बिरंगे कॉस्टयूम पहनकर और करतब दिखाकर कुछ पैसे कमाते हैं। रवि भी ऐसे ही एक कलाकार हैं लेकिन वे इकट्ठा हुए पैसों से गरीब विकलांग बच्चों का इलाज करवाते हैं। उनके इस काम में इस बार मिलाप उनका सहयोग कर रहा है।

इस सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल का दिन शुरू होता है शौचालय की सफाई से!

By निशा डागर

कर्नाटक के चामराजनगर जिले के होंगहल्ली गांव में सरकारी प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर बी महादेश्वर स्वामी का दिन साफ़- सफाई से शुरू होता है। स्कूल के शौचालय से लेकर कक्षाओं तक सफाई हेडमास्टर साहब खुद करते हैं। उनके प्रयासों से स्कूल में काफी बदलाव आया है।

1 नवम्बर: भारत के छह राज्यों का एक ऐतिहासिक दिन!

By निशा डागर

भारत के इतिहास में 1 नवंबर का बहुत महत्व है। यह वह तारीख है जिस दिन वर्षों पहले देश के विभिन्न राज्यों का भाषा के आधार पर पुनर्गठन करने का फैसला लिया गया था। साल 1956 से लेकर साल 2000 तक इसी दिन भारत के छह अलग-अलग राज्यों का जन्म हुआ।

झांसी की रानी से भी पहले थी एक स्वतंत्रता सेनानी; जानिए उस वीरांगना की अनसुनी कहानी!

By निशा डागर

कर्नाटक के बेलगावी जिले के कित्तूर तालुका में हर साल अक्टूबर के महीने में 'कित्तूर उत्सव' मनाया जाता है। इस साल भी यह उत्सव 23 अक्टूबर, 2018 से 25 अक्टूबर, 2018 तक मनाया जायेगा। इसकी शुरुआत रानी चेन्नम्मा ने की थी। वे भारत की पहली स्वतंत्रता सेनानी थीं जिन्होंने अंग्रेजों को हराया।

मिलिए 89 साल के इस स्वतंत्रता सेनानी से, पीएचडी के लिए दी प्रवेश परीक्षा!

By निशा डागर

कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले 89 वर्षीय शरणबासवराज बिसराहल्ली ने हाल ही में पीएचडी में दाखिला लेने के लिए प्रवेश परीक्षा दी है। जी हाँ, साल 1929 में जन्में और एक स्वतंत्रता सेनानी रहे शरणबासवराज को हमेशा से ही पढ़ने का शौक रहा है। 

एक केमिकल इंजिनियर जिसनें 'अमर चित्र कथा' की 439 कहानियां देकर भारतीय बच्चों को यहाँ की संस्कृति से जोड़े रखा

By निशा डागर

कर्नाटक के करकाल में 17 सितंबर, 1929 को पैदा हुए अनंत पाई को आज ' भारतीय कॉमिक्स के रचियता' और बच्चों द्वारा अंकल पाई के नाम से जाना जाता है। वे भारत की पहली कॉमिक सीरीज अमर चित्र कथा के संस्थापक व चित्रकार थे। उन्होंने रंग रेखा फीचर्स और टिंकल की भी शुरुआत की।