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नीले केले और नारंगी कटहल! इस किसान ने तैयार किया 1300 अद्भुत फलों का फ़ूड फॉरेस्ट

By पूजा दास

कर्नाटक के किसान राजेंद्र हिंदुमाने का खेत 1,300 प्रकार के फलों के पौधों, मसालों, मेडिकल जड़ी-बूटियों और कई दुर्लभ जंगली पौधों से भरा हुआ है।

किसानों की बर्बाद हो रही फसल से बना दी गुलाब जामुन समेत कई यमी डिशेज़, हो रही अच्छी कमाई

By अर्चना दूबे

कर्नाटक की नयना आनंद केले का आटा बनाती हैं और फिर इससे चपाती, कटलेट, कुकीज और सूखे गुलाब जामुन जैसे कई व्यंजन बनाती हैं।

पुराने घरों से निकलने वाले खिड़की-दरवाजों से बनाते हैं नया फर्नीचर

By निशा डागर

कर्नाटक के मंगलौर में रहने वाले 32 वर्षीय समरान अहमद, पुराने घरों और इमारतों से निकलने वाली सालों पुरानी लकड़ी की चीजों को फिर से इस्तेमाल करके, नया फर्नीचर और नयी उपयोगी चीजे बनाते हैं।

कुत्ते को गटर से पानी पीता देख शुरू की पहल, अब तक बाँट चुके हैं 25,000 पानी के बर्तन

By निशा डागर

कर्नाटक के तुमकुर में रहने वाले जैन सनी हस्तीमल ने लगभग सात साल पहले, बेसहारा जानवरों को पानी पिलाने के लिए Water For Voiceless अभियान की शुरुआत की थी।

जानिए कैसे! बेंगलुरु के इस इंजीनियर ने घर को बनाया 'अर्बन जंगल', लगाए 1700+ पेड़-पौधे

By निशा डागर

बेंगलुरु के रहने वाले 58 वर्षीय इंजीनियर, नटराज उपाध्याय ने अपने घर में 1700 से ज्यादा पेड़-पौधे लगाकर 'अर्बन जंगल' बनाया है। जहाँ पर आपको पपीता, केला, इमली और मोरिंगा जैसे 300 से ज्यादा किस्म के पेड़-पौधे और 50 से ज्यादा किस्म के पक्षी, तितलियाँ और अन्य जीव-जंतु दिख जाएंगे।

जानिए कैसे! कार को घर बना, अलग-अलग राज्यों की यात्रा कर रही है, केरल की यह जोड़ी

By निशा डागर

त्रिशूर, केरल के एक दंपति, हरीकृष्णन जे और लक्ष्मी कृष्णा ने साल 2019 में, अपनी नौकरी छोड़ कर देश-दुनिया की यात्रा करने का फैसला किया और अपना यूट्यूब चैनल 'टिनपिन स्टोरीज' शुरू किया। फिलहाल, वे अपनी कार से ही देश के सात राज्यों की यात्रा कर चुके हैं।

जानिए कैसे! कर्नाटक के किसान हर महीने उगा रहे हैं 700 किलोग्राम स्ट्रॉबेरी

By पूजा दास

कर्नाटक के उत्तरी और दक्षिणी इलाकों में किसान हर महीने 700 किलोग्राम स्ट्रॉबेरी सफलतापूर्वक उगा रहे हैं। इसके अलावा, यहाँ किसान लाल गोभी, ड्रैगन फ्रूट, ब्रोकली, ज़ुकीनी, आईसबर्ग लैटस, लाल-पीली शिमला मिर्च आदि विभिन्न विदेशी फल-सब्जियां उगाने में भी अपने हाथ आजमा रहे हैं।

पानी से भरा एक पुल, बीच में फंसी एंबुलेंस, फिर 12 साल के बच्चे ने दिखाई राह!

वेंकटेश वीरता पुरस्कार मिलने से खुश है, लेकिन वह अब भी कहता है कि उसने सिर्फ वही किया जो हर इंसान को करना चाहिए - 'एक दूसरे की मदद'!

छुट्टियों में महंगे होटल्स नहींं, आदिवासियोंं के साथ जीवन अनुभव कराती है यह ट्रैवल कंपनी!

By निशा डागर

मारिया ने 'मेक ईट हैप्पन' को हॉबी ट्रैवल क्लब के रूप में शुरू किया था। इसे शुरू करने के पीछे उनका उद्देश्य छुट्टियों के प्रति लोगों का नज़रिया बदलना था।

फील्ड मार्शल के. एम. करिअप्पा, जिन्होंने सही मायनों में सेना को 'भारतीय सेना' बनाया!

फील्ड मार्शल के. एम. करिअप्पा को बहुत-सी ऐसी बातों के लिए जाना जाता है, जो भारत में पहली बार हुईं। पर फिर भी उनकी सबसे अहम पहचान है कि उन्होंने ही हमारी सेना को सही मायने में भारतीय सेना बनाया है। वे स्वतंत्र भारत में वे भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ बने।