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कबीर के दोहे

सईद साबरी की राम-नाम-रस-भीनी चदरिया!

By मनीष गुप्ता

सईद साबरी की अपनी पहचान है. जो उन्हें नहीं जानते उनके लिए सईद साबरी साहब वो हैं जिन्होंने राज कपूर साहब की हिना फ़िल्म का गाना 'देर न हो जाए कहीं देर न हो जाए गाया था.

कबीर दास : वह कवि जो धर्म, जाती और भाषा से परे था, वह शिष्य जो गुरु का मान करना सिखा गया!

By मानबी कटोच

15वीं सदी के मशहूर कवि कबीर कबीर की भाषाएँ सधुक्कड़ी एवं पंचमेल खिचड़ी हुआ करती थी।