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कचरा प्रबंधन

हर वीकेंड सड़कों की सफाई करते हैं यह इंजीनियर, 150 किलो प्लास्टिक कर चुके हैं जमा

By निशा डागर

महाराष्ट्र में भंडारा के रहनेवाले, राघव पिछले तीन महीनों से अपने घर और आसपास के प्लास्टिक के कचरे को इकट्ठा करके इसके सही प्रबंधन पर काम कर रहे हैं।

पार्वती घाटी पर लगा था कचरे का ढेर, IFS अफसर की पहल से चंद महीनों में लौटी बहार

By प्रीति महावर

29 वर्षीय IFS ऑफिसर ऐश्वर्य राज ने हिमाचल प्रदेश में कसोल से लगभग 40 किमी दूर, पार्वती घाटी के दो दशक पुराने कचरे के ढेर को ग्रीन जोन में बदल दिया।

कबाड़ से किया कमाल, हर साल कमा लेती हैं 10 लाख रुपये

By निशा डागर

वाराणसी की शिखा शाह, पुरानी-बेकार चीजों से नयी और खूबसूरत चीजें बनाकर scrap business, Scrapshala चला रही हैं,, जिससे उनकी हर साल, 10 लाख रुपये की आमदनी हो रही है।

कैंसर से छूटा अपनों का साथ, पर नहीं मानी हार, अब किसानों को जोड़ रहे जैविक खेती से

By निशा डागर

अमृतसर, पंजाब के रहने वाले 60 वर्षीय गुणबीर सिंह ने किसानों को जैविक खेती से जोड़ने और उनकी मदद करने के लिए ‘दिलबीर फाउंडेशन' की शुरुआत की।

E-Waste to Eco-Art: बेकार पड़े गैजेट्स से बना दी पेंटिंग, ज्वेलरी, घड़ी जैसी चीजें

By निशा डागर

बेंगलुरु में रहने वाले 58 वर्षीय विश्वनाथ मल्लाबादी एक इको-आर्टिस्ट हैं, जो पिछले आठ सालों से इलेक्ट्रॉनिक कचरे को अपसायकल करके ज्वेलरी, पेंटिंग, मिनी बिल्डिंग, डमी रोबोट आदि बना रहे हैं।

महिला IAS ऑफिसर की पहल, असम में पुरानी और बेकार 8000 प्लास्टिक की बोतलों से बनाया शौचालय

By निशा डागर

IAS डॉ. लक्ष्मी प्रिया एम एस के निर्देशन में असम के बोंगाईगांव जिले में, पर्यावरण के अनुकूल कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है, जैसे- सौर स्ट्रीट लाइट लगाना, कचरे का प्रबंधन आदि। इसके साथ ही, उन्होंने 8000 बेकार प्लास्टिक की बोतलों से, एक सार्वजनिक शौचालय का निर्माण भी कराया है।

जानिए टूटी कुर्सी से कैसे बना कुत्ते का घर और 23 साल पुरानी वॉशिंग मशीन से कंपोस्टिंग बिन

By निशा डागर

कोल्हापुर, महाराष्ट्र के रहने वाले इंजीनियर सिद्धार्थ भाटवडेकर ने अपनी 23 साल पुरानी वॉशिंग मशीन को कबाड़ में देने की बजाय, इसे खुद अपसायकल करके इससे दो कंपोस्टिंग बिन बनाई हैं। वह अब तक कई #DIY प्रोजेक्ट्स करके कुत्ते के रहने के लिए कैनल, 'बर्ड बाथ’ ‘फीडर' जैसी कई चीजें बना चुके हैं।

केरल के इस दंपति ने ऐसा क्या किया कि 6000 रू. के बदले आया 150 रू. का बिजली बिल!

By पूजा दास

लीना और रवि के एक फैसले ने, न केवल बिजली के बिल को कम कर दिया बल्कि अब वे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी योगदान दे रहे हैं।

IIT इंदौर के दो छात्रों का आइडिया, 'ऑन द स्पॉट' कचरा निपटाने की अनोखी तकनीक!

'स्वाहा' की इस 'मोबाइल वेस्ट प्रोसेसिंग वैन’ सुविधा से शहर में जो छोटे होटल या रेस्टोरेंट हैं उन सबका कचरा उसी स्थान पर ही प्रोसेस हो सकता है।