आईपीएस अफ़सर अर्चना रामासुंदरम, भारत के सशस्त्र सीमा बल की महानिदेशक बनने वाली पहली महिला अफ़सर थीं। हैदराबाद पुलिस अकादमी ज्वाइन करने पर, अपनी क्लास में वे इकलौती लड़की थीं और इसके सालों बाद, वे महिला अफ़सरों के लिए एक मार्गदर्शक और प्रेरणा बनीं।
उत्तर-प्रदेश के अलीगढ़ में जरारा गाँव के रहने वाले अभिनव गोस्वामी, साल 2007 से अमेरिका में रह रहे थे। पर अपने देश के लिए कुछ करने का जज़्बा उन्हें वापिस अपने वतन ले आया। यहाँ आकर उन्होंने जैविक खेती, डेयरी फार्म, मधुमक्खी पालन आदि शुरू किया। उनका उद्देश्य बच्चों को स्किल बेस्ड शिक्षा देना है।
जून 2014 में इन दोनों ने पहली बार शिव प्रसाद की 'रामू टी-स्टॉल पर अपने इस आविष्कार का प्रदर्शन किया। स्थानीय मीडिया ने इसे ‘गटर गैस’ का नाम देकर इस प्रणाली की काफ़ी प्रशंसा की। इसने एलपीजी पर निर्भरता हटाकर रामू के चाय के ठेले की आय पहले की आय से चार गुना अधिक बढ़ा दी।
सुहास लालिनाकेरे यथिराज, उत्तर-प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) में जिला अधिकारी के पद पर नियुक्त हैं। हालांकि, एक प्रशासनिक अधिकारी होने के साथ-साथ, सुहास एक बेहतरीन पैरा-एथलीट भी हैं। हाल ही में, उन्होंने पैरा-बैडमिंटन अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रौशन किया है!
26 मार्च 1974 को गढ़वाल की गौरा देवी के नेतृत्व में ग्रामीण महिलाओं ने सरकार द्वारा लागू जंगलों की कटाई की नीति के विरोध में 'चिपको आंदोलन' की शुरुआत की। आज भी इतिहास में इस आंदोलन को देश के सबसे पहले पर्यावरण संरक्षण आन्दोलन के तौर पर जाना जाता है!
एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और आज़ाद हिन्द फ़ौज के सैनिक, 'कर्नल' निज़ामुद्दीन का जन्म उत्तर- प्रदेश में हुआ था। वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस के ड्राईवर और बॉडीगार्ड थे। उन्होंने नेताजी की जान बचाने के लिए खुद बंदूक की तीन गोलियाँ खायी थीं। 6 फरवरी 2017 को अपने गाँव में उन्होंने आख़िरी सांस ली।
उत्तर-प्रदेश के देवरिया जिले से ताल्लुक रखने वाले 30 वर्षीय अब्दुल कलीम एक इनोवेटर हैं और उन्हें साल 2009 में नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन ने भी सम्मानित किया था। अब तक उन्होंने लोगों की दैनिक ज़रूरतों और समस्याओं को हल करने के लिए कई तरह के आविष्कार बनाये हैं!
महाराष्ट्र के धूलिया जिले के गोन्दुर गाँव में जन्में राम वंजी सुतार जी विश्व-प्रसिद्द मूर्तिकार हैं। अब तक उन्होंने लगभग 8, 000 छोटी-बड़ी मूर्तियाँ बनाई हैं। हाल ही में, उन्होंने 'स्टेचू ऑफ़ यूनिटी' सरदार पटेल की प्रतिमा का निर्माण किया है। यह दुनिया में अब तक की सबसे ऊँची प्रतिमा है।