Ph.d. की पढ़ाई करने के बाद वर्मीकम्पोस्ट का काम शुरू करने वाले जयपुर के डॉ. श्रवण यादव को लोगों ने कहा- डॉक्टर होकर खाद बेचोगे। आज वह हजारों युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं और खुद भी लाखों रुपये कमा रहे हैं। अपनी सफलता का श्रेय वह द बेटर इंडिया को देते हैं।
साल 2023 में पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले एक कलाकर हैं, भानुभाई चितारा। 80 साल के भानुभाई और उनका पूरा परिवार 400 साल पुरानी 'माता नी पचेड़ी' कला को आज भी जीवित रखने के लिए जाने जाते हैं।
मध्य प्रदेश की बैगा आदिवासी महिला लहरी बाई को ‘अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष' के लिए ब्रांड एंबेसडर घोषित किया गया। उनके बीज बैंक में 150 से ज्यादा दुर्लभ बीजों की किस्में मौजूद हैं।
मिलिए, वडोदरा के रेनाश देसाई से जो शहर के सबसे छोटे बिज़नेसमैन हैं। महज 10 साल की उम्र से उन्होंने Enso shoes नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया। वह हाइड्रोडीप तरीके से स्टाइलिश जूते बनाकर बेचते हैं और अपनी कमाई का 40 प्रतिशत हिस्सा जरूरतमंदों को देते हैं।
मिलिए, रांची के सौरभ कुमार से, जो पेशे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं, लेकिन पौधों और हरियाली के अपने शौक़ के कारण उन्होंने नौकरी करने के बजाय पौधे उगाना शुरू किया। आज वह इंडोर पौधों का एक अनोखा शॉपिंग मॉल चला रहे हैं और लोगों के घर के अंदर हरियाली फैला रहे हैं।
हरियाणा की पहली महिला ड्रोन पायलट, निशा सोलंकी महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविघालय करनाल से जुड़कर किसानों को ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग देने में लगी हैं, ताकि खेती और किसान किसी भी मामले में पीछे न रह जाएं।
शाजापुर, मध्य प्रदेश के किसान देवेंद्र परमार ने अपनी सूझ-बूझ से कमाल का सिस्टम तैयार किया है। कचरे में जानेवाले गोबर से वह CNG गैस बनाते हैं। अब उन्हें पेट्रोल और बिजली के लिए बिल्कुल पैसे खर्च नहीं करने पड़ते।
मिलिए राजकोट की संगीता हरेश शाह से, जिनके नेक काम के कारण आज शहर के कई ज़रूरतमंद मरीजों को फ्री में एम्बुलेंस सेवा मिल रही है। पढ़ें उनकी कहानी और जानिए क्यों और कैसे हुई इस काम की शुरुआत।
एक गरीब माँ को अपने दिव्यांग बच्चे के साथ देखकर, आगरा के अनिल जोसेफ को ऐसे और बच्चों की मदद करने का ख्याल आया। उन्होंने ऐसे गरीब और बेसहारा दिव्यांग बच्चों के लिए एक एनजीओ शुरू करके एक शेल्टर होम बनाया, जो आज 75 विशेष बच्चों का घर बन चुका है।
मिलिए, आजमगढ़ के असद अब्दुल्लाह से, जिन्होंने कबाड़ के सामान से एक ऐसी छह सीटर इलेक्ट्रिक बाइक बना दी है, जिसमें दो दोस्त ही नहीं पूरा परिवार सवार होकर घूम सकता है। वह भी बिना पेट्रोल की चिंता किए।