तमिल नाडु की रहनेवाली 89 साल की लक्ष्मी अमाल और 71 साल की कस्तूरी सिवरमन, रिश्ते में मां-बेटी हैं और उम्र के इस पड़ाव पर खुद का Farm stay शुरू कर उन्होंने यह साबित कर दिया है कि उम्र केवल एक संख्या होती है। लक्ष्मी और कस्तूरी दोनों ही रूढ़िवादी सोच वाले परिवार के बीच पले-बढ़े, जहां उन्होंने वह सब कुछ किया, जो उनके माता-पिता ने उन्हें करने के लिए कहा था।
दोनों ऐसे परिवार से थीं, जहां उन्हें अपनी राय तक व्यक्त करने की आजादी नहीं थी। दोनों की पढ़ाई-लिखाई भी केवल नाम मात्र के लिए ही हुई थी। लक्ष्मी ने केवल कक्षा 3 और कस्तूरी ने तमिल-माध्यम के स्कूल में कक्षा 7वीं तक पढ़ाई की थी। शादी के बाद भी उन्होंने वही किया, जो उनके पतियों ने कहा। कभी कोई फैसला न लेने वाली इन दोनों महिलाओं में आत्मविश्वास की कमी थी।
आमतौर पर जब किसी को दूसरे के निर्देश पर काम करने की आदत हो जाती है, तो खुद फैसले लेने में कठिनाई होती ही है।इसलिए 2021 में, जब कस्तूरी के बेटे, किरूबा शंकर ने उन्हें अपना फार्मस्टे चलाने का सुझाव दिया, तो दोनों के अंदर का डर और आत्मविश्वास की कमी पूरी तरह से रास्ते की बाधा बनकर खड़े हो गए। लेकिन यहां उनके परिवार ने उनका सहयोग किया, जिसकी वजह से न केवल उन्होंने अपने डर को दूर किया, बल्कि अच्छी तरह से फार्मस्टे को चलाना भी शुरु किया।
हुई Pico Farm stay की शुरुआत

‘पिको फार्म स्टे’ तमिलनाडु के रेट्टानई गांव में उनके 185 साल पुराने ऑर्गेनिक फार्म पर बनाया गया था, लेकिन यह तब केवल रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए खुला था।
अपना काम शुरू करके लक्ष्मी और कस्तूरी बेहद खुश हैं। कस्तूरी कहती हैं कि उन्हें केवल यह अफसोस है कि यह काम उन्होंने पहले क्यों नहीं शुरू किया। कस्तूरी अपने डर के बारे में बात करते हुए बताती हैं कि उन्हें हमेशा लगता था कि ऐसे फार्मस्टे में कौन आना पसंद करेगा, जिसे चलाने वाली दो बुजुर्ग महिलाएं हैं और जो केवल तमिल में बात करना जानती हैं।
वह बताती हैं, “मेरी मां को अंजान लोगों से बात करने में डर लगता था। लेकिन हमने अपने डर पर काबू पाते हुए उन लोगों की मेज़बानी करना शुरू किया, जो अपने व्यस्त जीवन से ब्रेक लेकर सुकून के कुछ पल बिताने यहां आते हैं।” कस्तूरी कहती हैं कि यह उनके जीवन का सबसे अच्छा फैसला रहा है।
YouTubers ने किया फेमस
एक बड़े कृषि ‘वक्षना’ फार्म के बीच बसे इस फार्मस्टे को चलाना, शारीरिक रूप से थकाऊ हो सकता है, खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए तो यह काफी मुश्किल काम है और यह मान लेना भी गलत होगा कि इन महिलाओं के पास यह सब करने के लिए कोई सुपर-पावर है।
क्योंकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। ये दोनों भी काफी थक जाती हैं। लेकिन कई ऐसे दिन भी होते हैं, जब वे ज्यादा आराम करते हैं और कम काम करते हैं।
पिको फार्मस्टे में अब तक 200 से ज्यादा मेहमान आ चुके हैं। यानि हर महीने औसतन 10 मेहमान यहां आते हैं। हालांकि, लक्ष्मी और कस्तूरी के लिए शुरुआती हफ्ते मुश्किल भरे रहे।
कस्तूरी बताती हैं कि लॉकडाउन के कारण करीब छह महीने तक उनके फार्मस्टे में एक भी गेस्ट नहीं आए। काफी समय बाद कुछ Youtubers यहां आए, जिन्होंने ऑनलाइन इसका काफी अच्छा रीव्यू दिया और यहां तक कि एक वीडियो भी बनाया। वह कहती हैं, “इससे हमारी लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ी।” कस्तूरी अब इंटरनेट चलाना सीख रही हैं, ताकि वह खुद रीव्यू पढ़ सकें।
बंजर ज़मीन पर बनाया हरा-भरा Farm stay

13 एकड़ में फैला वक्षना फार्म, उनका पुश्तैनी खेत है, जहां हर पीढ़ी ने फसल उगाई है। 37 साल पहले जब लक्ष्मी के पति का निधन हो गया, तो उनके बेटे ने खेती-बाड़ी का काम संभाला और जब कस्तूरी के बेटे किरूबा की बारी आई, तो उन्होंने डिजिटल मार्केटिंग में एक अलग करियर चुना। नतीजन, सालों तक इसका कोई इस्तेमाल नहीं हुआ और यह ज़मीन बंजर पड़ी रही।
हालांकि, 2011 में परिवार ने एक फार्मस्टे के साथ कुछ फसल उगाकर हरियाली वापस लाने का सामूहिक निर्णय लिया। लक्ष्मी कहती हैं, “यह एक पारिवारिक एक्टिविटी थी। मेरी परपोती सहित हमारे परिवार के हरेक सदस्य ने कई पेड़ लगाने में योगदान दिया। हमारे खेत तैयार होने के बाद, हमारे बहुत से रिश्तेदार हमारे पास आने लगे। वे अपने शहरी जीवन से कुछ दिन की छुट्टी लेना चाहते थे और शांति से समय बिताना चाहते थे।”
यहां पर ज़मीन को अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया है। एक हिस्से में महोगनी, लकड़ी, चंदन और आम जैसे पेड़ लगाए गए हैं। एक दूसरे हिस्से में धान की खेती होती है। परिवार एक ‘मंडला’ कॉन्सेप्ट के साथ भी आया है। यहां ऑर्गेनिक तरीके से टमाटर, बैंगन, फूलगोभी, बीन्स, गोभी आदि जैसी सब्जियां उगाई जाती हैं।
बारिश के पानी को बचाने और रेन हार्वेस्टिंग के लिए फार्म स्टे में पांच तालाब हैं। बचाए गए पानी का इस्तेमाल मछली पालन के लिए किया जाता है। हालांकि परिवार ने खेत की देखभाल के लिए मजदूरों को काम पर रखा है, लेकिन लक्ष्मी और कस्तूरी को पौधों और पेड़ों की देखभाल करने में मजा आता है।
क्या-क्या हैं सुविधाएं?
वैसे तो लक्ष्मी और कस्तूरी के पास कोई अनुभव नहीं था, लेकिन वे दोनों ही इस बात को लेकर काफी उत्साहित थे कि Farm stay कैसा दिखेगा! उन्होंने यहां आने वाले मेहमानों के हरेक सुख-सुविधाओं को ध्यान में रखा है। यहां एसी, वाशिंग मशीन, टेलीविजन, इंटरनेट और अन्य जैसी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं।
कस्तूरी कहती हैं, “हम यहां अपने स्थानीय अनुभवों को जोड़ना चाहते थे, विशेष रूप से यहां आने वाले मेहमानों को अपने व्यंजनों का स्वाद चखाना चाहते थे। सैकड़ों फार्म स्टे हो सकते हैं, लेकिन हम कुछ अलग जोड़ना चाहते थे।” कस्तूरी बताती हैं कि घर का निर्माण सबसे पहले बड़ी खिड़कियों से शुरू किया गया, जिससे पर्याप्त प्राकृतिक प्रकाश और हवा अंदर आ सके।
घर में लकड़ी के फर्श, दो मिनी-लाइब्रेरी और कई इनडोर प्लांट हैं, जो हवा को साफ रखते हैं। घर के हर हिस्से से खेत का बाहरी नजारा दिखता है।
यह भी पढ़ेंः दादा की आत्मा और पोते के मन से बना ‘आत्मन’, मुंबई की चकाचौंध से दूर प्राकृतिक फार्मस्टे
मेन्यू में क्या है खास?

लक्ष्मी कहती हैं, “खेत में रहना एक ऐसा अनुभव है, जो हर किसी के पास होना चाहिए। बड़ी खिड़कियों से मेहमान खेत की फसलें, सब्जियां आदि देख सकते हैं।” वह कहती हैं आसपास कोई सड़क, वाहन या लोग नहीं हैं। इसलिए यहां आने वाले मेहमानों को प्रकृति के बेहद करीब रहने का मौका मिलता है और उनकी निजता का सम्मान भी रखा जाता है।
खाने का मेन्यू तैयार करने के लिए लक्ष्मी और कस्तूरी ने खास ध्यान दिया है। खेत में उगाई जाने वाली सब्जियों और फलों का उपयोग विभिन्न व्यंजनों को तैयार करने के लिए किया जाता है। मेहमानों को यहां का ‘सेंबरती’ या हिबिस्कस का जूस काफी पसंद आता है।
कस्तूरी कहती हैं कि परिवार द्वारा उगाए गए स्थानीय फसलों से बने खाने को परोसने का आनंद इतना ज्यादा होता है कि उन्हें अपनी उम्र संबंधी बीमारियां याद नहीं रहतीं।
उनकी एक मेहमान, प्रिया वेलू, लिखती हैं, “पिको में रहने का सबसे अच्छा हिस्सा दादी (लक्ष्मी) द्वारा तैयार लजीज व्यंजनों का स्वाद लेना था। हमेशा मुस्कुराती रहने वाली दादी सबसे प्यारी मेजबान थीं। मैं कह सकती हूं कि ये महिलाएं सिर्फ पैसे के लिए काम नहीं कर रही हैं। घर का इंटीरियर कितना शांत और आरामदेह है। पहली बार, मेरे गोल्डन रिट्रीवर के पास फार्म स्टे में घूमने के लिए जगह थी।”
अधिक जानने के लिए, यहां क्लिक करें या 9841597744 पर कॉल करें।
मूल लेखः गोपी करेलिया
संपादनः अर्चना दुबे
यह भी पढ़ेंः भारत के 10 बेहतरीन फार्मस्टे
We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons: