पिछले कुछ सालों में हमारे खान-पान और लाइफस्टाइल में कितने बदलाव आ गए हैं। आज हममें से शायद ही कोई जानता होगा कि हमारे घर में फल-सब्जियां आदि कहां से और कैसे आती हैं? उत्पादकता बढ़ाने के लिए खेतों में रसायन का उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। वहीं, जैविक खेती करने वाले कुछ किसान, अपना उत्पाद सही ग्राहक तक नहीं पहुंचा पा रहे। ग्राहक और किसान के बीच मौजूद इसी फासले को कम करता है, अहमदाबाद का स्टार्टअप ‘farm से.’।
साल 2018 के अंत में, CA यश मेहता (26) और CA राज जैन (26) ने अहमदाबाद के MBA राजन पटेल (38) के साथ मिलकर अपने स्टार्टअप की शुरुआत की थी। द बेटर इंडिया से बात करते हुए यश बताते हैं, “हमारा मकसद सस्टेनेबल फ़ूड के साथ सस्टेनेबल लिविंग पर भी ध्यान देना था। जिसके लिए हम ज़ीरो वेस्ट और नो प्लास्टिक पॉलिसी पर पूरा ध्यान देते हैं।”
‘farm से.’ गुजरात का पहला BYOC (Bring Your Own Container Store) स्टोर है, जिसमें पैकजिंग के लिए प्लास्टिक का कम से कम उपयोग किया जाता है।
कैसे बना ‘farm से.’
राज और यश, पाली (राजस्थान) से ताल्लुक रखते हैं और बचपन के दोस्त हैं। दोनों ने अपनी पहली कोशिश में CA की परीक्षा पास की। वे पढ़ाई और फिर CA इंटर्नशिप के लिए कुछ साल मुंबई में भी रहे। यश बताते हैं, “पाली एक छोटा सा शहर है। वहां घूमने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है, इसलिए हम बचपन में छुट्टी के दिनों में, फार्म पर जाया करते थे। तभी से मेरा जुड़ाव प्रकृति से हो गया था। लेकिन तब शायद मुझे पता भी नहीं था कि मैं इससे जुड़ा कोई काम करूँगा।” मुंबई में रहकर हम दोनों ने मन बना लिया था कि बस, अब नौकरी नहीं करनी कुछ और ही करना है।
हालांकि, यश ने दिल्ली के एक लॉ फर्म में तक़रीबन तीन महीने काम किया था। उस नौकरी के दौरान ही यश, दो महीने के एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए यूरोप गए थे। वहां उन्होंने देखा कि लोग ऑर्गेनिक चीजें खरीदने पर जोर दे रहे हैं। इतना ही नहीं, विदेशों में बिक रहे ऑर्गेनिक मसाले और कुछ दूसरे प्रोडक्ट्स मेड इन इंडिया थे। जनवरी, साल 2018 में भारत आने के बाद उन्होंने राज और अपने परिवार से इस बारे में बात की। यश कहते हैं, “हालांकि हम बचपन से ही खेती को नजदीक से देखते आए है। इसके बावजूद, हममें से किसी को ऑर्गेनिक फार्मिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।”
उन्होंने इस बारे में और ज्यादा रिसर्च की। तभी उन्हें पता चला कि अहमदाबाद की एक NGO, सालों से जैविक खेती करते किसानों को एक प्लेटफॉर्म देने का काम कर रही है। जिसके लिए हर साल एक प्रदर्शनी भी लगाई जाती है। इन दोनों दोस्तों ने भी इस NGO से जुड़कर जैविक खेती करने वाले किसानों के बारे में जानना शुरू किया। यश बताते हैं, “हमने देखा कई ग्राहक, सालभर इस तरह के ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स और सब्जियां आदि खरीदना चाहते हैं। लेकिन उनके पास इन किसानों तक पहुंचने का कोई आसान तरीका नहीं है। तभी हमने इस पर काम करने का मन बनाया।”
Farm से सीधे घर तक
NGO के माध्यम से ही यश और राज की मुलाकात राजन पटेल से हुई। उन्होंने 2016 में अपनी नौकरी छोड़कर, ऑर्गेनिक और ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स लोगों तक पहुंचाने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफार्म ‘greenobazaar’ शुरू किया था। साल 2018 के अंत में इन तीनों ने मिलकर ‘farm से.’ की शुरुआत की। पहले तो यह ऑनलाइन ही अपना काम कर रहे थे। यश का कहना है कि ज्यादातर लोग सब्जियों और फलों को देखकर ही लेना पसंद करते हैं। इसलिए, उन्होंने कुछ महीनों बाद ‘farm से ऑन व्हील्स’ शुरू किया। एक वैन के माध्यम से अहमदाबाद के कई इलाकों में ‘farm से.’ फल-सब्जियां पहुंचाने लगा। यश और राज भी सब्जियों की डिलीवरी करने जाया करते थे। राज बताते हैं कि यह काम इतना भी आसान नहीं था। वह कहते हैं, “लोगों को यकीन दिलाना कि हमारे प्रोडक्ट्स को बिना किसी केमिकल के उगाया गया है, बहुत मुश्किल था। साथ ही, ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों को ढूंढकर अपने साथ जोड़ना भी एक बड़ी चुनौती थी।”
आज ‘farm से.’ के साथ 50 से अधिक किसान जुड़े हैं। वहीं, अपने ग्राहकों का विश्वास जीतने के लिए ‘farm से.’ की टीम ने ‘farm पे.’ नाम का इवेंट शुरू किया, जिसमें ग्राहक फार्म पर जाकर देख सकते हैं कि उनके घर में आने वाली सब्जियां आखिर कहां से आती हैं।
इस तरह के इवेंट ने शहरी ग्राहकों को प्रकृति के साथ जोड़ने का काम किया। यश बताते हैं, “कई परिवार अपने बच्चों को खेती की जानकारी देने के लिए फार्म पर आते थे। एक बार मुझे मेरे एक ग्राहक का कॉल आया कि किसानों की मेहनत देखकर, अब मेरे बच्चे खाना बिल्कुल बर्बाद नहीं करते।”
साल 2019 में ‘farm से.’ ने अपना पहला स्टोर खोला। जहां लोगों को सामान लेने के लिए अपने ड़िब्बे या थैली लानी होती है। हालांकि, इस तरह का प्रचलन भारत के लिए कुछ नया नहीं है। लेकिन चूँकि बड़े शहरों में अब सब कुछ पैकेट में आसानी से मिल जाता है। इसलिए हम थैली आदि का इस्तेमाल करना भूल गए हैं।
‘farm से.’ स्टोर पर फल-सब्जियों और राशन के अलावा आचार, कॉस्मेटिक्स, मुखवास, फलों का रस आदि कई दूसरे प्रोडक्ट्स भी मौजूद हैं। इस तरह के बाय-प्रोडक्ट्स को घर पर तैयार किया जाता है और इन्हें नाम दिया गया है “घर से”। एक उदाहरण देते हुए राजन बताते हैं, “हमें पता चला कि अहमदाबाद की ही एक गृहिणी घर में आम का आचार बनाती हैं, जिसे लोग काफी पसंद करते हैं। हम उनके आचार को लोगों तक पहुंचाते हैं। इसी तरह बाकी के कई प्रोडक्ट्स भी अलग-अलग लोग घर पर तैयार करते हैं।”
फिलहाल, ‘farm से.’ के अहमदाबाद में तीन स्टोर मौजूद हैं, जिसमें दो फ्रेंचाइज़ स्टोर हैं। वहीं ऑनलाइन वेबसाइट ‘greenobazaar’ के माध्यम से वे 300 ऑर्गेनिक और ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स बेच रहा है। जिसमें बैम्बू और रीसायकल चीजों से लेकर ड्राई फ्रूट्स, मसाले और कॉस्मेटिक आदि शामिल हैं। यश बताते हैं कि पिछले साल उनके स्टार्टअप ने तक़रीबन 1.25 करोड़ का टर्नओवर किया था, जबकि इस साल उन्हें दो करोड़ से ज्यादा के टर्नओवर की उम्मीद है।
कुछ ही दिनों में ‘farm से.’ अहमदाबाद में एक ऑर्गेनिक जूस सेंटर भी खोलने जा रहा है। जिसमें ग्राहक खुद साइकिलिंग करके अपनी पसंद के फलों का जूस निकाल सकेंगे। यकींनन थोड़ी मेहनत के बाद जूस पीने का मज़ा कुछ और ही होगा। वहीं, स्टोर को प्लास्टिक मुक्त बनाने के मकसद से जूस पीने के लिए प्लास्टिक या पेपर गिलास के बजाय, फलों का या फ़िर वेस्ट नारियल से बने कटोरे गिलास का ही इस्तेमाल किया जाएगा। अपने इस नए सेंटर से वे ऐसे लोगो को भी रोजगार देना चाहते है जो सुन या बोल नही सकते। वे ट्रांसजेंडर कम्युनिटी को भी अपने टीम का हिस्सा बनाने पर काम कर रहे है।
तीनों ही सह-संस्थापक मानते है कि असल जीवन में यही ऑर्गेनिक लाइफस्टाइल है। जिसमे सिर्फ फूड नहीं बल्कि हमारे आस-पास की हर चीज़ के बारे में ध्यान रखा जाए। फिर चाहे वह इंसान हो या प्रकृति।
फार्म से स्टोर पर ग्राहक अपने घर के वेस्ट प्लास्टिक और पेपर को रीसायकल के लिए देकर क्रेडिट प्वॉइंट्स भी जमा कर सकते हैं, जिसे वे स्टोर से ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स खरीदने में इस्तेमाल कर सकते हैं।
फार्म से के बारे में ज्यादा जानने के लिए उनका इंस्टा पेज farmseindia देख सकते हैं। वहीं उनके ऑनलाइन वेबसाइट greenobazaar से ऑर्गेनिक और ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट्स भी खरीद सकते हैं।
संपादन – अर्चना दुबे
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