मुंबई के गली बॉय कैसे बने कैप्टन Hitman

दूध बेचकर खरीदा था क्रिकेट किट

गमों की धूप से लड़कर हार को शानदार जीत में बदलने वाले को Hitman रोहित शर्मा कहते हैं! पर आज के इस स्टार बल्लेबाज के पास कभी बल्ला खरीदने के पैसे नहीं थे तब रोहित ने दूध बेचकर ये पैसे जुटाए थे, उनके पिता ट्रांसपोर्ट कंपनी में केयरटेकर थे। बचपन में तंगहाली की वजह से वह माता-पिता से दूर दादा-दादी के घर रहने लगे ताकि क्रिकेट की प्रैक्टिस कर सकें वह हफ्ते में एक दिन अपने माता-पिता से मिल पाते थे।

परिवार का साथ और कोच दिनेश लाड का गाइडेंस रोहित के लिए सबसे बड़ा Support System था, कोच ने टैलेंट को परखते हुए उन्हें स्कॉलरशिप दिलवाने में मदद की, ताकि वह बेहतर तरीके से क्रिकेट प्रैक्टिस कर पाएं, बतौर स्पिनर प्रैक्टिस करने वाले रोहित के बैंटिंग टैलेंट को कोच ने ही सबसे पहले पहचाना था।

स्कूल, स्टेट और रणजी ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करते हुए साल 2007 में 20 साल की उम्र में रोहित शर्मा ने भारतीय टीम में अपनी जगह बनाई, आज रोहित के नाम Highest Individual Score in ODIs Most Double Centuries in ODIs, Most Runs in a Single World Cup, Most Centuries in a Single World Cup जैसे कई रिकॉर्ड हैं! अपने आख़िरी T20 मैच में भारत को World Cup दिला देने वाले इस कप्तान को, क्रिकेट की पिच हो या जिंदगी का मैदान हर चैलेंज में Fit और हर मुश्किल में Hit रोहित को द बेटर इंडिया का सलाम!

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