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'लव लोकल, बाय लोकल': महिला उद्यमियों ने सोशल मीडिया के ज़रिए किसानों को दिलाया लोकल बाज़ार

"हम किसानों को उनके उत्पाद के लिए एक मार्केट देना चाहते हैं। आज और भी जरुरत है स्थानीय किसानों और उद्यमों को अपने स्तर पर समर्थन देने की।"

व्हाट्सएप के जरिए खेती का पाठ पढ़ा रही हैं केरल की यह टीचर

“मुझे लगता है कि सरिता मैम ने हमें जो सबसे अच्छी सलाह दी है, वह है कीटनाशक के रूप में चावल के स्टार्च का उपयोग करना। स्टार्च चिपचिपा होता है जिसके कारण कीट पौधे पर चिपक जाते हैं। मुझे यह रासायनिक कीटनाशकों का एक बढ़िया विकल्प लगता है।” – अनघा, छात्रा

खुद की नहीं है ज़मीन, फिर भी बसा दिया 'कटहल गाँव', लगा दिए 20 हज़ार पेड़!

By निशा डागर

अलग-अलग इलाकों में घूमकर और बीज आधारित पेड़ लगाकर, जयन ने अब तक कटहल की 44 देशी प्रजातियों को सहेजा है!

केरल के इस शिक्षक ने सरकारी स्कूल को बना डाला एक ब्रांड, डॉक्टर, आईएएस बनाता है यह स्कूल!

By पूजा दास

“मैंने अपनी बीएड पूरी की थी और यह मेरी पहली पोस्टिंग थी। सच कहूं तो, मैं स्कूल के रिजल्ट से घबरा गया था और तुरंत वहां से तबादला चाहता था।"

20 सालों से अप्रवासियों के मृत शरीर को देश वापस लाने का नेक काम करते हैं अशरफ!

अभिनेत्री श्रीदेवी के पार्थिव शरीर को देश वापस लाने के लिए एयरलाइंस की फीस में छूट दिलाने में मदद करने से लेकर अशरफ पिछले 20 सालों में ऐसे कई नेक काम कर चुके हैं, जिसके लिए उन्हें कई अवार्ड और यहां तक की मानद डॉक्टरेट की उपाधि भी मिली है।

केरल के इस शख्स ने छत पर उगाई 50 से अधिक आमों की किस्में, एक को दिया पत्नी का नाम!

जोसेफ ने आम की एक नई किस्म का ईजाद करते हुए, इसे अपनी पत्नी के नाम पर 'पेट्रीसिया' नाम दिया। इसके बारे में वह कहते हैं कि यह सबसे मीठा किस्म का आम है।

बांस और कचरे से महज़ 4 महीने में बनाया सस्ता, सुंदर और टिकाऊ घर

घर में ग्राउंड फ्लोर को मिलाकर कुल दो फ्लोर हैं और हर फ्लोर में दो लेवल हैं। साथ ही इस निर्माण प्रक्रिया में इस्तेमाल की जाने वाली 90 प्रतिशत सामग्री रिसाइकल्ड है।

आर्किटेक्ट ने 10 एकड़ की बंजर ज़मीन को बना दिया 100 प्रकार के फलों का जंगल!

केरल में स्थित एलधो का 'स्वर्ग मेडू' 20 किस्म के सेबों का घर है और यहाँ 6-7 प्रकार के संतरे, अंगूर, लीची, और स्ट्रॉबेरी भी हैं!

मैकेनिक ने अनजाने में बनाई अनोखी तकनीक, 500 करोड़ लीटर बारिश का पानी बचाने में मिली सफलता!

By निशा डागर

अंतोजी को उनकी तकनीक के लिए राष्ट्रीय सम्मान भी मिल चूका है और अब वह इस तकनीक को और बड़े स्तर पर ले जाने की दिशा में काम कर रहे हैं!