एक या दो नहीं, इनकी छत पर मिलेंगे आपको पूरे 3000 कैक्टस, जिनसे हज़ारों की होती है कमाई

कोझीकोड के ई. बालकृष्णन की छत पर 500 से अधिक किस्मों के कैक्टस के पौधे हैं, जिसे उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों के साथ-साथ जापान, चीन, इंडोनेशिया, ब्राजील से इकट्ठा किया है।

cactus garden

केरल के कोझीकोड के ई बालकृष्णन को हमेशा से गार्डनिंग का जुनून रहा है। काफी छोटी सी उम्र से ही वह पौधे उगा रहे हैं। 67 वर्षीय बालकृष्णन कहते हैं, "मुझे याद भी नहीं, मैं कब से गार्डनिंग कर रहा हूँ। लेकिन जबसे होश संभाला, तबसे मैंने यही देखा है कि मेरे घर में एक गार्डन था और मैं उसमें पौधे लगाया करता था और वह सिलसिला अब तक चल रहा है।"

पिछले चार दशकों से एक प्रिंटिंग प्रेस चलाने के साथ-साथ बालकृष्णन, घर में सैकड़ों पौधों की देखभाल भी करते हैं। उन्हें ऑर्किड, गुड़हल, गुलाब की अलग-अलग किस्में उगाना बेहद पसंद है। 

हालांकि वह सालों से कई तरह के पौधे उगा रहे थे, लेकिन उन्होंने कभी कैक्टस का कोई पौधा नहीं उगाया था। फिर साल 2015 में उन्होंने इंटरनेट के जरिए कैक्टस उगाना सीखा। 

वह कहते हैं, "जब मैंने इंटरनेट पर कैक्टस के बारे पढ़ा, तब मुझे अपने गार्डन में भी कुछ कैक्टस लगाने का मन हुआ। कैक्टस का एक पौधा लगाने के बाद मुझे इसके प्रति रुचि इतनी बढ़ गई कि मैंने इसकी और किस्में उगाने का मन बना लिया।"

आखिरकार, उन्होंने घर पर कैक्टस उगाने के सही तरीके के बारे पता लगा ही लिया। धीरे-धीरे उन्होंने देश के विभिन्न हिस्सों से और यहां तक ​​कि जापान, चीन, इंडोनेशिया, ब्राजील और अन्य देशों से भी कैक्टस की किस्में ख़रीदना शुरू कर दिया। 

फ़िलहाल, उनके टैरेस गार्डन में करीब 500 से ज्यादा किस्मों के लगभग 3,000 कैक्टस के पौधे हैं । 

growing cactus in terrace garden

कैक्टस के रख-रखाव से जुड़ी अहम बातें

बालकृष्णन ने इन पौधों को दो छतों पर रखा है। एक उनके घर की छत है और दूसरी उनके प्रिंटिंग प्रेस की छत, यह दोनों छत की जगह करीबन 2500 वर्गफुट की है। वह कहते हैं, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि कभी कैक्टस के पौधे मेरे पसंदीदा पौधे बन जाएंगे। लेकिन मैं इन काँटेदार पौधों से इतना मोहित हो गया कि मुझे मेरी छत पर जितनी जगह मिली, उतनी जगह में इन्हें उगा दिया।" 

वह कहते हैं कि यह शुष्क जलवायु में उगने वाला पौधा है, जो बिल्कुल कम रख-रखाव में भी अच्छा उगता है। किसी दूसरे सजावटी पौधों के विपरीत इनको उगाना भी आसान है। वह इन पौधों को हफ्ते में केवल एक बार ही पानी देते हैं। लेकिन इसके लिए अच्छी ड्रेनेज वाली मिट्टी लेना बेहद जरूरी होता है। 

वैसे तो इन पौधों को बहुत कम पानी की ज़रूरत होती है, लेकिन इन पौधों के अच्छे विकास के लिए अच्छी धूप की जरूरत होती है। बालकृष्णन कहते हैं कि इसे ऐसी जगह पर रखना चाहिए, जहां पर्याप्त धूप आती हो। उन्होंने पौधों को बारिश और तेज़ धूप से बचाने के लिए दोनों छतों पर यूवी छत लगाई है।"

वहीं, पॉटिंग मिक्स के लिए वह गाय के गोबर, कोकोपीट और खाद के लिए बोन मील का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। 

couple growing cactus varieties in garden

देशी विदेशी कैक्टस का गार्डन 

आपको उनके गार्डन में कैक्टस की सबसे आम किस्म मम्मिलारिया (Mammillaria) से लेकर मध्य अफ्रीका के यूफोरबिया ट्रिगोना के अलग-अलग आकारों और रंगों में कैक्टस दिख जाएंगे। 

उन्होंने इन विदेशी किस्मों को ऑनलाइन ख़रीदा है। वहीं,  कुछ दूसरे देशों से आयात करके मंगवाए पौधे हैं। उन्होंने बताया, "यूफोरबिया अब्देलकुरी जैसी किस्में ब्राजील से हैं, जबकि कोपियापोआ न्यूजीलैंड से ख़रीदे हैं और कई अन्य प्रजातियां जापान, चीन, इंडोनेशिया और मलेशिया जैसे देशों से खरीदी गई  हैं। मुझे ऐसी दुर्लभ किस्में खरीदने के लिए हजारों रुपये खर्च करने पढ़े। वहीं, कुछ किस्में राजस्थान, गुजरात और दिल्ली जैसे राज्यों से भी खरीदी गई हैं।"

Cactus Garden On Terrace Garden Exotic Varieties

बालकृष्णन, कैक्टस इकट्ठा करने के अलावा ग्राफ्टिंग के जरिए पौधे भी उगाते हैं।

कटिंग करके बचे हुए पौधों को वह लोगों को बेचते भी हैं। दरअसल, वह अपने गार्डन की जानकारी सोशल मीडिया पर भी देते रहते हैं और लोग उनसे पौधे की कटिंग भी मांगते हैं। वह सोशल मीडिया के जरिए कैक्टस बेचते हैं,  जिसकी कीमत 250 रुपये से शुरू होकर 3000 रुपये तक की है। इतना ही नहीं वह इस तरह से महीने का तक़रीबन 15,000 रुपये कमाते भी हैं।

आप भी कुछ दुर्लभ कैक्टस खरीदने के लिए,  उनसे 7293937066 पर सम्पर्क कर सकते हैं।  

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