रांची के परिवार का कमाल! घर में नहीं थी जगह तो रोड पर बना दिया गार्डन

रांची के मनोज रंजन को बचपन से ही गार्डनिंग का शौक था। लेकिन शहर में नौकरी की वजह से उनका परिवार रांची आ गया और यहां पौधे लगाने की जगह नहीं थी। लेकिन पिछले पांच सालों से, उन्होंने घर के बाहर रोड साइड पौधे लगाना शुरू किया और आज 200 से ज्यादा पौधे उगाकर हरियाली फैला दी है।

Ranchi road side Gardening by teacher

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पेशे से शिक्षक, रांची के मनोज रंजन को हमेशा से पेड़-पौधों (gardening) का शौक रहा है। हरमू की हाउसिंग कॉलोनी के पास रहनेवाले मनोज के घर में पौधे लगाने के लिए बिल्कुल जगह नहीं थी। लेकिन वह कहते हैं न, जहां चाह, वहां राह! अपने शौक को पूरा करने के लिए वह जिस भी स्कूल में पढ़ाते, वहां पौधे उगाते रहते थे। लेकिन घर पर गार्डन बनाने की उनकी चाहत करीब पांच साल पहले पूरी हुई, जब उन्हें अपने घर के बाहर रोड साइड गार्डन बनाने का ख्याल आया।  

मनोज कहते हैं, "पहले हम गांव में रहते थे, तो मेरे पिता के साथ मैंने भी कई पौधे लगाए हैं। लेकिन नौकरी के सिलसिले में मेरा परिवार रांची आ गया और  घर में पौधे लगाने की ज्यादा जगह नहीं थी। घर के बाहर जिस जगह में आज गार्डन है, वहां पहले लोग कचरा फेंकते थे। लेकिन आज वहां लोग रुककर सेल्फी लेते हैं।"

आसान नहीं था रोड साइड गार्डन (gardening) बनाना 

रोड साइड गार्डन बनाना मनोज और उनके परिवार के लिए बिल्कुल भी आसान काम नहीं था। पहले तो, वे जो भी पौधे लगाते थे, लोग उसे तोड़कर ले जाते थे। लेकिन परेशान होने के बजाय, वे और पौधे लगाते रहे। पौधे लगाने (gardening) के लिए गमले चुनते समय उन्होंने खास ध्यान रखा। यहां गमलों के लिए उन्होंने सिर्फ घर के कबाड़ का इस्तेमाल ही किया है,  ताकि अगर कोई लेकर भी जाए, तो उन्हें अफ़सोस न हो। 

Manoj Ranjan And His Family
Manoj Ranjan And His Family

धीरे-धीरे जब पौधों की संख्या बढ़ने लगी, तो लोगों ने भी इसे अपना प्यार देना शुरू कर दिया। आस-पास के लोग भी उन्हें पौधे और कटिंग लाकर देने लगे।  

यहां केवल 10/4 की जगह ही है। लेकिन इतनी सी जगह में ही मनोज और उनके परिवार ने 200 से ज्यादा पौधे लगा लिए हैं। दरअसल, यहां पहले से एक बड़ा पेड़ लगा हुआ था, इसलिए ज्यादा धूप भी नहीं आती थी। उन्होंने इस गार्डन में ऐसे पौधे ही लगाए हैं, जिन्हें ज्यादा तेज धूप की जरूरत न पड़े।  

उन्होंने यहां कुछ मौसमी फूल और सजावटी पौधे ज्यादा लगाए हैं। लोग यहां से फूल न तोड़ें, इसलिए मनोज ने ऐसे पौधे लगाए ही नहीं हैं, जो धार्मिक कामों में इस्तेमाल होते हों। वह अपनी माँ और पत्नी को भी फूल तोड़ने नहीं देते हैं, ताकि गार्डन की खूबसूरती बनी रहे। 

road side garden in ranchi

भले ही यह गार्डन उनके घर में नहीं है, लेकिन इसे सजाने में उन्होंने कोई कमी नहीं रखी है। गार्डन सजाने (gardening) में उनकी दोनों बेटियां- अनन्या और मनीषा दुबे भी पूरी रुचि दिखाती हैं। उन्होंने रंग-बिरंगी ईंटें और गमलों से इस जगह की खूबसूरती काफी बढ़ा दी है। घर की हर बेकार चीजों को सजाकर, उन्होंने इसमें पौधे उगाए हैं। यहां आपको तेल के डिब्बे, टायर, हेलमेट और कई बेकार चीजों में पौधे उगे दिख जाएंगे। उनके इस गार्डन से प्रेरणा लेकर, अब आस-पास के कई लोगों ने भी अपने घर के बाहर पौधे उगाना शुरू किया है। 

मनोज ने बताया कि कुछ लोग तो बिना काम के ही इस रस्ते से गुजरते हैं, ताकि एक बार उनका गार्डन देख सकें। मनोज ने जब इस गार्डन को बनाने (gardening) की शुरुआत की थी, तब उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि एक दिन इस गार्डन की वजह से वह इतने मशहूर हो जाएंगे और परिवार के साथ-साथ राहगीरों को भी यह इतना पसंद आएगा। 

तो अगर आपके घर के आस-पास भी थोड़ी बहुत जगह है, तो आप भी वहां पौधे उगाकर खूबसूरती और हरियाली जरूर फैलाएं।  

हैप्पी गार्डेनिंग!

संपादनः अर्चना दुबे

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