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अनमोल इंडियंस

Inspiring Indians Stories To Motivate From India. \ भारत के उन प्रेरक नायक नायिकाओं की कहानियां, जो अपने काम से भारत को बेहतर से बेहतरीन बनाने में जुटे हैं!

1000+ बेसहारा बीमार लोगों का इलाज करके अपनों से मिलवा चुकी हैं, राजस्थान की यह नर्स

By प्रीति टौंक

राजस्थान की सुमन मैडल मेहरा की शादी महज 14 साल की उम्र में हो गई थी। परिवार में आर्थिक किल्लत थी, लेकिन सुमन इन तमाम मुश्किलों के बीच भीपढ़ाई करके नर्स बनीं, ताकि आत्मनिर्भर हो सकें और आज नर्स बनकर सुमन न सिर्फ आत्मनिर्भर बनीं हैं, बल्कि समाज के बेसहारा बीमार लोगों को मदद पहुंचाने के लिए मुहिम भी चला रही हैं।

Tree Teacher: चार लाख पौधे लगाकर राजस्थान के रेगिस्तान में ले आए हरियाली

By प्रीति टौंक

पौधे वाले मास्टर साहब कहलाते हैं राजस्थान के भेराराम भाखर, जानिए कैसे चार लाख पौधे लगाकर उन्होंने राजस्थान के बंजर इलाके को बनाया हरा-भरा।

खुद दृष्टिहीन होकर भी सैकड़ों बच्चियों की जिंदगी में शिक्षा की रोशनी ला रहे हैं दत्तू

By प्रीति टौंक

गुलबर्गा, कर्नाटक के दत्तू अग्रवाल पिछले सात सालों से दृष्टिहीन बच्चियों के लिए एक आवासीय स्कूल चला रहे हैं।

बस्तर इलाके से पहले IAS बनने वाले विनीत, अब शिक्षा से बदल रहे यहां की तस्वीर

By प्रीति टौंक

मिलिए दंतेवाड़ा, छत्तीसगढ़ के IAS अधिकारी विनीत नंदनवार से, जिन्होंने बस्तर जैसे नक्सली इलाके में रहते हुए IAS अधिकारी बनकर, न सिर्फ अपना भविष्य सुधारा बल्कि आज वह अपने जैसे कई नौजवानों के सपने साकार करने में मदद कर रहे हैं।

25 साल की मेहनत से इस दम्पति ने उगाएं 6000 पौधे, बचाए सैकड़ों पक्षी

By प्रीति टौंक

मिलिए, गुजरात के शंखेश्वर इलाके के धनोरा गांव में रहनेवाले बुजुर्ग दम्पति दिनेश चंद्र और देविंद्रा ठाकर से, जिन्होंने अपने रिटायरमेंट होम को बनाया कुदरत का घर।

एक अधिकारी ने की पहल और पूरा गांव बन गया इको फ्रेंडली

By प्रीति टौंक

ओडिशा के देबरीगढ़ अभ्यारण्य के पास बसे गांव ढोड्रोकुसुम में, पिछले एक साल से सभी ईको-फ्रेंडली जीवन जी रहे हैं ताकि जंगल के सभी वन्य प्राणी भी प्राकृतिक माहौल में जी सकें। यह सब मुमकिन हुआ यहां की DFO अंशु प्रज्ञान दास की पहल की वजह से।

कानपुर का हीरो चायवाला: कमाई का 80% हिस्सा देते हैं गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए

By प्रीति टौंक

कभी आर्थिक तंगी के कारण अपनी खुद की पढ़ाई पूरी न कर पाने वाले कानपुर के महबूब मलिक, पिछले 8 सालों से गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ा रहे हैं।

इस स्कूल की फीस है प्लास्टिक की बेकार बोतलें

By प्रीति टौंक

गाजियाबाद में, NTPC की रिटायर अधिकारी नीरजा सक्सेना पिछले दो सालों से जरूरतमंद बच्चों के लिए फुटपाथ स्कूल चला रही हैं जहाँ पढ़ने की फीस है प्लास्टिक वेस्ट।

कभी दूसरों की मदद से पढ़ाई पूरी करने वाले अबिनाश, आज खुद के खर्च पर पढ़ा रहे हैं 300 बच्चों को

By प्रीति टौंक

चाटोशाली यानी एक ऐसी जगह जहां गांव के बच्चे इकठ्ठा होकर पढ़ाई करते हैं। अबिनाश ने ओडिशा की सालों पुरानी इस प्रथा को जिन्दा किया और संवार दिया सैकड़ों बच्चों का भविष्य।

हरियाली का अनोखा मिशन चला रहे हैं प्रदीप, रिटायरमेंट के बाद लगाए 60 हजार पौधे

By प्रीति टौंक

ओडिशा के प्रदीप कुमार रथ ने रिटायर होने के बाद अपना पूरा जीवन पर्यावरण को समर्पित करने का फैसला किया है। 'परिवेश सुरक्षा अभियान' के ज़रिए उन्होंने गांवों की महिलाओं और बच्चों की मदद से 60,000 से अधिक पौधे लगाए हैं।