बॉक्सर शिव थापा ने छठा एशियाई चैंपियनशिप पदक जीतकर रचा इतिहास

Indian Boxer Shiv Thapa

भारत के शिव थापा, एशियाई चैंपियनशिप के इतिहास में छह पदक जीतने वाले पहले पुरुष मुक्केबाज बन गए, उन्होंने दक्षिण कोरिया के मिंसू चोई को हराकर अम्मान, जॉर्डन के सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई।

भारतीय मुक्केबाज़ शिव थापा ने 6वीं बार एशियाई चैंपियनशिप मेडल जीतकर इतिहास रच दिया और ऐसा करने वाले वह पहले पुरुष मुक्केबाज बन गए हैं। जोर्डन के अम्मान में चल रही एशियाई एलीट मुक्केबाजी चैंपियनशिप में दक्षिण कोरिया के मिंसू चोई को हराकर, शिव ने सेमीफाइनल में जगह बनाई।

अनुभवी थापा ने लाइट वेल्टरवेट क्वार्टर फाइनल में चोई को 4-1 से हराकर लगातार छठा पदक हासिल किया। इस जीत के साथ, थापा ने कम से कम कांस्य पदक तो पक्का कर लिया है। शिव ने इससे पहले साल 2013 में स्वर्ण पदक, 2017 और 2021 में रजत पदक और 2015 व 2019 कांस्य पदक जीता था।

Indian boxer Shiv Thapa
Indian boxer Shiv Thapa

शिव ने ओलंपिक रजत पदक विजेता और दो बार के विश्व कांस्य पदक विजेता, कज़ाकिस्तानी लेजेंड, वासिली लेविट को भी पीछे छोड़ दिया।

शिव थापा को माइक टाइसन से मिली मुक्केबाज़ी की प्रेरणा

शिव थापा का जन्म 8 दिसंबर 1993 को हुआ था। वह छह भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। उनके पिता गुवाहाटी में कराटे प्रशिक्षक हैं। वहीं उनके बड़े भाई गोबिंद थापा, असम में राज्य स्तरीय पदक विजेता मुक्केबाज़ हैं। शिव थापा पर ‘आयरन टाइसन’ कहे जाने वाले रिटायर्ड अमेरिकी बॉक्सर माइक टाइसन का काफी प्रभाव था और उनसे प्रेरित होकर ही वह मुक्केबाज़ बने।

American boxer Mike Tyson
Mike Tyson

अपनी प्रैक्टिस और पढ़ाई को मैनेज करने के लिए शिव, सुबह तीन बजे ही उठ जाते थे और कड़ी मेहनत करते थे।  

28 साल के शिव थापा ने साल 2012 में लंदन ओलिंपिक में हिस्सा लिया था और वह भारत की तरफ से ओलिंपिक में क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज़ बने थे। थापा, एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले तीसरे भारतीय बॉक्सर और वर्ल्ड बाक्सिंग चैंपियनशिप में भारत के लिए मेडल जीतने वाले तीसरे बॉक्सर भी हैं। 

28 साल के खिलाड़ी शिव थापा, इस जीत के साथ ही अब एशियाई चैंपियनशिप में सबसे सफल पुरुष मुक्केबाज बन गए हैं।

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