पिता-बेटे ने कचरे से खड़ा किया कारोबार, प्लास्टिक वेस्ट से बना रहे फैशनेबल कपड़े

तमिलनाडु के, के. शंकर और सेंथिल शंकर प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल करके जैकेट, ब्लेज़र, टी-शर्ट और बॉटम्स बना रहे हैं। इससे वे रोजाना प्लास्टिक की करीब 15 लाख बोतलों को लैंडफिल में जाने से भी बचा रहे हैं।

waste to wardrobe

पर्यावरण की रक्षा में तमिलनाडु के पिता-बेटे की जोड़ी, के. शंकर और सेंथिल शंकर का योगदान बेहद ही खास है। वह अपनी कंपनी, श्री रेंगा पॉलिमर्स में हर दिन प्लास्टिक की 15 लाख बोतलों को रीसायकल करते हैं।

आमतौर पर ये बोतलें, इस्तेमाल के बाद लैंडफिल में पहुंच जाती हैं। इस गंभीर मुद्दे के समाधान का उन्होंने शानदान तरीका खोज निकाला है। वह अपनी कंपनी में इस वेस्ट से फैशनेबल कपड़े बना रहे हैं।  

के. शंकर ने IIT से ग्रेजुएशन करने के बाद कई सालों तक विदेश में नौकरी की। साल 2008 में वह भारत लौट आए और प्लास्टिक वेस्ट की समस्या पर काम करने लगे। उन्होंने Shree Renga Polymers नाम की कंपनी शुरू की जो इंडस्ट्री वेस्ट से कारपेट बनाने का काम करती थी। 

K shankar and senthil

सस्टेनेबल ब्रांड पहुंचा संसद तक

कई सालों तक उन्होंने इसी तरह से प्लास्टिक रीसायकल किया। अब उनके बेटे सेंथिल शंकर, एक कदम और आगे बढ़कर प्लास्टिक वेस्ट को सस्टेनेबल फैशन में बदल रहे हैं। सेंथिल ने साल 2021 में EcoLine नाम से एक क्लोथिंग ब्रांड लॉन्च किया है। 

 इसमें वह देशभर में कूड़ा उठाने वाले 50 हजार लोगों से प्लास्टिक की खाली बोतलें जमा करके टी-शर्ट, पेंट्स और ब्लेज़र जैसी चीजें बना रहे हैं। इस तरह से उन्होंने अब तक प्लास्टिक की करीब 50 लाख बोतलों को लैंडफिल में जाने से बचाया है। 

वह प्लास्टिक की 8 बोतलें इस्तेमाल करके एक शर्ट और करीबन 20 बोतलों से एक जैकेट बनाते हैं। उनका यह ब्रांड ज़्यादा मशहूर तब हुआ जब फरवरी 2023 में,  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सस्टेनेबल ब्रांड EcoLine को बढ़ावा देने के लिए संसद में उनकी बनाई जैकेट पहनी। उस जैकेट को प्लास्टिक की 25 बोतलों को रीसायकल करके बनाया गया था। प्रधानमंत्री ने इसे संसद के साथ-साथ जापान और ऑस्ट्रेलिया में भी पहना था।

सेंथिल कहते हैं, "हमें बहुत खुशी है कि हमने जिस ब्रांड के लिए इतनी कड़ी मेहनत की है, उसके लिए हमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। उस इवेंट के बाद, हमारे प्रोडक्ट्स की बिक्री में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी हुई है।"

फ़िलहाल, उनके बनाए प्रोडक्ट्स की कीमत, 500 से 6‌000 रुपये के बीच है। वहीं आज वह हर महीने 20,000 ऑर्डर के ज़रिए 12 करोड़ रुपये का वार्षिक टर्नओवर कमा रहे हैं।  

उन्हें ज्यादातर ऑर्डर कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से मिलते हैं।

अगर आप भी ये सस्टेनेबल जैकेट अपने लिए खरीदना चाहते हैं तो उन्हें उनकी वेबसाइट पर सम्पर्क कर सकते हैं।  

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