तमिलनाडु के, के. शंकर और सेंथिल शंकर प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल करके जैकेट, ब्लेज़र, टी-शर्ट और बॉटम्स बना रहे हैं। इससे वे रोजाना प्लास्टिक की करीब 15 लाख बोतलों को लैंडफिल में जाने से भी बचा रहे हैं।
मुंबई में रहने वाली हंसू पारडीवाला, कुंती ओज़ा और चित्रा हिरेमठ ने 2019 में मिल्क बैग प्रोजेक्ट शुरू किया था, जिसके जरिए वे अलग-अलग सोसाइटी और लोगों से दूध के खाली पैकेट इकट्ठा करके रीसाइक्लिंग के लिए दे रही हैं।