मिलिए बिहार के माँ-बेटे की जोड़ी, आशा अनुरागिनी और सत्यम सुंदरम से, जिन्होंने कई कठिनाइयों का सामना करते हुए अपने ईको-फ्रेंडली काम की शुरुआत की है, ताकि पर्यावरण को प्लास्टिक मुक्त बनाने में मदद कर सकें।
निर्मल (तेलंगाना) के रहनेवाले राहुल कोप्पुला ने बचपन में ‘पैसे पेड़ पर नहीं उगते’ वाली कहावत इतनी बार सुनी कि उन्होंने बड़े होकर इसे सच करने का मन बना लिया। आज वह ट्री हाउस होटल से सालाना एक करोड़ टर्नओवर कमा रहे हैं।
देश के 25 हजार वॉटर डिलीवरी बिज़नेस का काम आसान बनाने का काम कर रहा है इंदौर के दो दोस्त अंकित रांका और अर्पित शारदा का स्टार्टअप Gopaani । पढ़िए कैसे?
ठाणे में रहनेवाली ललिता पाटिल के पति के बिज़नेस में जब नुकसान होने लगा, तो उन्होंने अपने खाना पकाने के शौक़ को 'घराची आठवण' में बदल दिया। यहां वह घर से दूर रहनेवाले छात्रों और दूसरे कामकाजी लोगों के लिए स्वादिष्ट घर का खाना बनाती और बेचती हैं।
ऐसी कई कंपनियां हैं, जो पीने के शुद्ध पानी की डीलरशिप देती हैं। तो अगर आप एक अच्छे बिज़नेस विकल्प की तलाश में हैं, तो आप मिनरल वॉटर डीलर का काम शुरू कर सकते हैं। जानें बिज़नेस शुरू करने से पहले किन बातों का रखना होगा ध्यान।
मिलिए नागपुर की रहनेवाली प्रीति हिंगे से, जिन्होंने अपने बढ़ई पिता से फर्नीचर बनाने की कला सीखी और शादी के बाद घर चलाने के लिए इसे ही अपना काम बना लिया।
क्या आपके पर छत पर सोलर पैनल लगाने की जगह नहीं है? बेंगलुरु का एक स्टार्टअप,संडेग्रिड्स इस परेशानी का हल लेकर आया है। संडेग्रिड्स आपको ‘सोलर बिस्किट’ लगाने में मदद करता है, जिससे आप बिजली बिल पर खर्च होने वाले पैसों की बचत कर सकते हैं।
भोपाल का ‘द कबाड़ीवाला’ देश के पांच शहरों से कबाड़ इकट्ठा करके उसे रीसायकल करने का काम कर रहा है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद, मध्यप्रदेश के अनुराग असाटी और उनके पार्टनर कवीन्द्र रघुवंशी ने इसकी शुरुआत की थी।
मामाअर्थ की संस्थापक ग़ज़ल अलघ ने बताया कि कैसे उनका बेटा, उनके स्टार्टअप को आगे बढ़ाते रहने की प्रेरणा बना और इस बारे में भी जानकारी दी कि महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप में निवेश करना क्यों महत्वपूर्ण है।