मुंबई में अपने बेटे तुषार और बहु प्रीति के साथ रहनेवाली 79 साल की कोकिला पारेख कभी एक सामान्य गृहिणी और माँ की तरह घर का काम देखती थीं। सुबह उठकर पूजा करना, घर के छोटे-छोटे कामों में हाथ बंटाना और शाम को कुछ दोस्तों के साथ बातें करना उनका रोज़ का रूटीन था। लेकिन रिटायरमेंट की उम्र में चाय मसाला बिज़नेस शुरू कर आज वह एक बिज़नेसवुमन बन चुकी हैं।
इस उम्र में भी वह काफी एक्टिव महिला हैं और एक से बढ़कर एक गुजराती पकवान बड़े प्यार से बनाती हैं। लेकिन अपने हाथों से बने चाय मसाला के लिए, वह अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के सर्कल में काफी मशहूर हैं।
उनके घर में आया कोई भी मेहमान उनके स्पेशल मसाले से बनी चाय पिए बिना वापस नहीं जाता और जाते-जाते थोड़ा सा मसाला अपने साथ भी पैक करके ले जाता। कोकिला पहले से ही थोड़ा ज्यादा मसाला बनाती थीं, ताकि अगर कोई उनसे मसाला मांगे, तो वह झट से एक छोटी डिबिया पैक करके दे सकें और जैसे ही मसाला ख़त्म हो जाता, वह फिर से अपना सीक्रेट मसाला तैयार कर लेती थीं।
द बेटर इंडिया से बात करते हुए वह कहती हैं, “मुझे एक्टिव रहना पसंद है और मेरा मानना है कि अगर आप के पास कोई हॉबी या हुनर हो, तो उसे इस्तेमाल करना ही चाहिए। एक बार आप शुरुआत कर लेते हैं, तो फिर उम्र कोई मायने नहीं रखती।”
इसी सोच के साथ उन्होंने लॉकडाउन में अपने परिवार की मदद से एक छोटे से चाय मसाला बिज़नेस की शुरुआत की और 80 की उम्र में अपने हुनर के कारण वह एक सफल बिज़नेसवुमन बन गई हैं।
घर से ही की चाय मसाला बिज़नेस की शुरुआत
दरअसल, लॉकडाउन के समय जब कोकिला घर से कहीं बाहर नहीं जा पा रही थीं और उनका बेटा व बहु भी घर से ही काम कर रहे थे। तब उनके पास काफी खाली समय भी था। इस खाली समय का उपयोग करने के लिए, उन्होंने अपने चाय मसाले को बिज़नेस बनाने के बारे में सोचा।
उनकी बहु प्रीति ने बताया कि इस उम्र में भी उन्होंने खुद ही हमें यह आईडिया दिया कि क्यों न हम चाय मसाले का बिज़नेस करें? वह चाहती थीं कि उनका मसाला देशभर के लोग चखें और उनका उत्साह व जज्बा देखकर प्रीति और तुषार ने भी उनका साथ देने का फैसला किया।
उन्होंने अक्टूबर 2020 में इस बिज़नेस की घर से ही शुरुआत की। लॉकडाउन के कारण शुरुआत में उन्हें FSSAI नंबर और रजिस्ट्रेशन करवाने में थोड़ा समय लगा। लेकिन जैसे ही सारी चीज़ें हो गईं, उन्होंने खुद ही घर पर पैकेट का डिज़ाइन और लोगो बनवाया और अपने सर्कल में इसकी जानकारी देना शुरू किया।
उन्होंने सोशल मीडिया का भी सहारा लिया, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को उनके चाय मसाला बिज़नेस के बारे में पता चल सके। मसाले का नाम भी कोकिला ने खुद ही रखा है। उन्होंने अपने और अपने बेटे तुषार के नाम को मिलाकर इसका नाम ‘KT चाय मसाला’ रखा।
और इस तरह 79 की उम्र में उन्होंने जीवन की एक नई पारी की शुरुआत भी कर दी। बल्क में ज्यादा मसाला बनाने के लिए उन्होंने एक बड़ी मिक्सर मशीन खरीदी और कुछ लोकल विक्रेताओं से ज्यादा मात्रा में मसाले मंगवाना शुरू किया।
प्रीति और कोकिला उनके घर पर काम करने वाली दीदी की मदद से पैकेट्स तैयार करने लगे। शुरू से ही उन्होंने पैकेट्स की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा, ताकि मसाले की ताज़गी बनी रहे।
एक साल में उनका मसाला पंहुचा विदेश तक
कोकिला ने सिर्फ एक तरह के चाय मसाले से ही काम की शुरुआत की थी, जिसके लिए वह पहले से ही काफी मशहूर थीं। लेकिन अब वह पांच तरह के प्रोडक्ट्स देशभर में बेच रही हैं। कोकिला की बहु भी इस चाय मसाला बिज़नेस में उनका पूरा साथ देती हैं, जबकि उनके बेटे का टेक्सटाइल का बिज़नेस है। कोरोना के समय बिज़नेस शुरू करने में उनके बेटे तुषार ने ही मदद की थी।
जिस समय, उन्होंने इस चाय मसाला को बेचना शुरू किया था, उस वक्त हर घर में कोरोना के डर से लोग काढ़ा बनाकर पी रहे थे। ऐसे में कोकिला को लगा कि उनका मसाला लोगों की इम्युनिटी बढ़ाने का काम भी करेगा और हुआ भी कुछ ऐसा ही। देखते ही देखते उनका मसाला देश भर में बिकने लगा।
क्या है इस चाय मसाला की कीमत?
आज कोकिला हर दिन 500 से ज्यादा चाय मसाला के पैकेट्स बेच रही हैं, जो 50 ग्राम, 100 ग्राम और 250 ग्राम के पैकेट्स में आते हैं और इनकी कीमत 125 रुपये से लेकर 625 रुपये तक है।
उन्होंने अपने इस चाय मसाला बिज़नेस में भी सिर्फ उन महिलाओं को काम दिया है, जो काफी गरीब परिवार से आती हैं। प्रीति कहती हैं, “माँ चाहती थीं कि उनके काम के ज़रिए उन सभी महिलाओं को भी काम मिले, जो अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर हैं। इसलिए हमारे मैन्युफैक्चरिंग और पैकेजिंग सहित सारे कामों के लिए हमने सिर्फ महिलाओं की ही रखा है।”
फ़िलहाल, KT मसाला उनकी खुद की वेबसाइट के साथ अमेज़न पर भी उपलब्ध है और अब तो उन्हें विदेश से भी ऑर्डर्स मिलने लगे हैं।
जिस उम्र में लोग रिटायर होने के बारे में सोचते हैं, उस उम्र में कोकिला अपने बिज़नेस को बढ़ाने की प्लानिंग कर रही हैं। उनका जज़्बा सभी के लिए एक मिसाल है, तो अगर आपके अंदर भी कोई हुनर है, तो उम्र के बारे में मत सोचिए, बल्कि उसे अपनी पहचान बनाने और अपनी आर्थिक आज़ादी के लिए इस्तेमाल किजिए।
संपादनः अर्चना दुबे
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