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इतिहास के पन्नों से

History Pages | Motivational History | Inspirational History \ इतिहास के वे भुला दिए गए नायक, जिनकी कहानियां हर भारतवासी को ज़ुबानी याद होनी चाहिए!

रावलगाँव: महाराष्ट्र का वह भूला-बिसरा गाँव, जिसने देश को दीं कई मीठी यादें!

रावलगाँव के उत्पादों ने महाराष्ट्र में गन्ने की खेती के क्षेत्र में एक क्रांति का सूत्रपात कर एक पिछड़े क्षेत्र के विकास में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।

जानिए, पहले World War में ऐसा क्या हुआ जो देश को मिल गया स्वदेशी 'Mysore Sandal Soap'

क्या आप जानते हैं कि यह दुनिया का एकमात्र साबुन जो सौ फीसद चंदन के तेल से बनाया जाता है!

Asian Paints: छोटे से गैरेज में बनी यह स्वदेशी कंपनी कैसे बनी देश की नंबर 1 पेंट निर्माता

By पूजा दास

एशियन पेंट्स का नाम फोर्ब्स बेस्ट अंडर बिलियन कंपनी इन द वर्ल्ड की सूची में शामिल किया जा चुका है। आज इस कंपनी की देश के पेंट बाज़ार में करीब 53% की हिस्सेदारी है।

साउथ अफ्रीका से शुरू हुआ इस स्वदेशी चाय का सफ़र, ब्रिटिश राज में लड़ी नस्लभेद के खिलाफ लड़ाई

By पूजा दास

एक ही कप में वाघ और बकरी के साथ-साथ चाय पीने की तस्वीर वाले नए लोगो के माध्यम से कंपनी ने भारत में जाति आधारित भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी और समानता को बढ़ावा दिया।

इस स्वदेशी कंपनी ने दिया था दुनिया को पहला वेजीटेरियन साबुन, गुरुदेव ने किया था प्रचार

पेशे से व्यवसायी और देशभक्त अर्देशिर गोदरेज ने 1897 में इस स्वदेशी ब्रांड को शुरू किया था।

कारगिल युद्ध के दौरान इस महिला ने अकेले ही संभाला था कारगिल का AIR स्टेशन

"सेना ने हमें लाइट बंद रखने के लिए कहा, बहुत सारे गोले रेडियो स्टेशन के परिसर में गिरते रहे। हॉस्टल ध्वस्त हो गया। मेरे कुछ साथी मुश्किल से अपनी जान बचाकर भागे थे। मैंने किसी तरह स्टेशन को चालू रखा।" -शेरिंग अंग्मो शुनु

शहीद के साथी: महात्मा गाँधी की सच्ची साथी, 'गाँधी बूढ़ी' को नमन!

By द बेटर इंडिया

यह कहानी है भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाली वीरांगना, मातंगिनी हाजरा की, जिन्हें गाँधी बूढ़ी या ओल्ड लेडी गाँधी के नाम से भी जाना जाता है।

गुंजन सक्सेना और श्रीविद्या राजन: कारगिल युद्ध में जाने वाली पहली महिला पायलट्स

By निशा डागर

कारगिल युद्ध में बहादुरी से अपना मिशन पूरा करने के लिए गुंजन सक्सेना को शौर्य चक्र से नवाज़ा गया और वह पहली महिला पायलट हैं जिन्हें यह सम्मान मिला!

जानिए कैसे एक बिना दांत वाले नवाब की वजह से भारत को मिला कबाब, जो है बेहद लाजवाब!

By पूजा दास

जब नवाब वाजिद-अली-शाह ने घी में पकाए गए, मुंह में घुलने वाले कबाब को चखा तो उन्होंने इसे बनाने वाले के बारे में पूछा। एक हाथ वाले रसोई का ज़िक्र करते हुए उन्हें बताया गया कि ये टुंडे कबाब हैं।