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दिल्ली: देश की पहली अखिल-महिला स्वैट टीम, 36 कमांडो महिला हैं पूर्वोत्तर भारत से!

By निशा डागर

पूर्वोत्तर भारत की 36 महिलाएं दिल्ली में हर संभव खतरे की स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। राजधानी की पुलिस फाॅर्स देश की पहली फाॅर्स है, जिसमें इस विशेष हथियार और रणनीति टीम (स्वैट) में सभी महिलाएं हैं और गृह मंत्री राजनाथ सिंह औपचारिक रूप से शुक्रवार को इस टीम को प्रतिष्ठित किया।

ऑपेरेशन 'मदद': हर संभव जोख़िम उठाकर, केरल की बाढ़ में फंसे लोगों को बचा रही है भारतीय सेना!

By निशा डागर

केरल में पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते बाढ़ आयी हुई है। इस भीषण बाढ़ की वजह से राज्य के कई प्रांतों में सामान्य जीवन तहस-नहस हो गया है। इस बाढ़ की वजह से अब तक लगभग 54,000 लोग बेघर हो गए हैं और 29 लोगों की मौत की खबर है।

जानिये असम में उगाये जाने वाले इस चावल के बारे में, जिसे आप बिना पकाए खा सकते हैं!

By निशा डागर

स्वदेशी बोका चाउल/चावल (ओरीजा सातिवा) या असमिया मुलायम चावल, असम की नयी प्राकृतिक उपज है जिसे जीआई (भौगोलिक संकेत) टैग के साथ पंजीकृत किया गया है। इस चावल की खेती ज्यादातर असम के नलबारी, बारपेटा, गोलपाड़ा, बक्सा, कामरूप, धुबरी, कोकराझर और दररंग जिलों में की जाती है।

मुंबई: बिना किसी मदद के इस लड़की ने खुद पकड़ा अपने मोबाइल-चोर को; जानिए कैसे!

By निशा डागर

स्मार्ट फ़ोन के एक स्मार्ट फीचर का इस्तेमाल कर मुंबई निवासी ज़ीनत हक़ (20 वर्षीय) को उनका चोरी हुआ फ़ोन वापिस मिल गया। अपने फोन पर माई एक्टिविटी फीचर की मदद से, ज़ीनत न केवल अपने फोन को ट्रैक करने में कामयाब रही, बल्कि चोर को पकड़ने में भी मदद की।

दिल्ली पुलिस के इस अफ़सर ने 20 सालों में कोई छुट्टी नहीं ली; रिटायर होने के बाद भी कर रहे है बिना वेतन के नौकरी!

By निशा डागर

दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड सब-इंस्पेक्टर बलजीत सिंह राणा (66-वर्षीय) ने पिछले 20 सालों में एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली। हरियाणा के कुंडली गांव से ताल्लुक रखने वाले बलजीत ने साल 1972 में अपनी ड्यूटी ज्वाइन की। नौ महीने की ट्रेनिंग के बाद उनकी पहली नियुक्ति राष्ट्रपति भवन के बाहर हुई। 

हरियाणा के एक गांव से भूटान तक का सफर: फुटबॉल के दम पर बदल रही है इन आठ लड़कियों की ज़िन्दगी!

By निशा डागर

हरियाणा के गांव सादलपुर से ताल्लुक रखने वाली आठ लड़कियों ने भूटान में 9 अगस्त से शुरू होने वाले अंडर-15 टूर्नामेंट में अपनी जगह बनाई है। इसे दक्षिण एशियाई फुटबॉल फेडरेशन (एसएएफएफ) द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इन आठ लड़कियों के नाम हैं- मनीषा, अंजू, रितु, कविता, पूनम, किरण, निशा और वर्षा।

मिलिए बघीरा से, जिसने चंद सेकंड में नक्सलों द्वारा छिपाये गए बम का पता लगाकर बचाई कई जानें!

By निशा डागर

हाल ही में, छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव ज़िले में बघीरा नामक एक कुत्ते ने नक्सलों द्वारा बिछाए गए लगभग 20 किलोग्राम बारूद का पता लगाकर बहुत से सुरक्षा कर्मियों की जान बचायी है। बघीरा, इंडो-तिब्बती सीमा पुलिस (आईटीबीपी) गश्त विस्फोटक पहचान समूह का प्रशिक्षित कुत्ता है।

अब हाउसवाइफ को बेरोजगार नहीं समझा जाएगा; सरकार करेगी उनके काम के मूल्य का आंकलन!

By निशा डागर

भारत ने घर में या फिर खेतों में बिना वेतन के काम करने वाली महिलाओं के काम की मैपिंग करने का फैसला किया है। जिसमें इनके काम को भी रोजगार के नजरिये से देखा जायेगा। नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस, जनवरी 2019 से एक वर्ष का घरेलू सर्वेक्षण आयोजित करेगा इनके काम को मापने के लिए। 

इन युवाओं की थिएटर को करियर विकल्प के तौर पर आम जन से जोड़ने की पहल अब रंग ला रही है!

By निशा डागर

23 वर्षीय राजीव ने साल 2014 में अपने एक दोस्त मदन मोहन आर्य के साथ मिलकर पटना में 'इंडीपेन्डेन्ट थिएटर' यानि कि 'स्वतंत्र रंगमंच' की शुरुआत की। इंडीपेन्डेन्ट थिएटर कोई संस्था या समूह नहीं है बल्कि इंडीपेन्डेन्ट थिएटर एक जरिया है किसी भी कलाकार के लिए जो अपनी कला लोगों को प्रदर्शित करना चाहता है।

'डॉक्टर ऑफ़ ह्यूमन लेटर्स' डिग्री से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय हैं साइरस पूनावाला!

By निशा डागर

हाल ही में, शरद पवार ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया के फाउंडर साइरस पूनावाला को सम्मानित किया। उन्हें सम्मानित करने का कारण था उनकी उपलब्धि। दरअसल, पूनावाला को इस साल की शुरुआत में टीकाकरण के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ़ मैसाचुसेट्स द्वारा 'डॉक्टर ऑफ़ ह्यूमन लेटर्स' डिग्री प्रदान की गयी थी।