Powered by

Latest Stories

Homeहिंदी

हिंदी

कोलकाता से थोड़ी ही दूर बसा है जंगल और तालाब से घिरा यह प्राकृतिक होमस्टे

कोलकाता के नीलांजन चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना क्षेत्र में पर्यटकों की मेजबानी के लिए एक ऐसा होमस्टे बनाया है जहाँ कोई भी शहर की भाग-दौड़ वाले ज़िंदगी को भूलकर, शांति और सुकून से समय बिता सकता है।

जुनून है तो मुमकिन है! सरकारी नौकरी छोड़ Master Chef पहुंचे अविनाश की कहानी

By अर्चना दूबे

अविनाश पटनायक ने फूलों और खाने के अपने प्यार को आगे बढ़ाने के लिए एक कृषि अधिकारी के रूप में अपनी नौकरी छोड़ दी। आज, वह मास्टरशेफ इंडिया सीजन 7 हिस्सा हैं।

20 साल में बंजर ज़मीन को अकेले ही जंगल में बदला, मिलिए मणिपुर के फॉरेस्ट मैन से

मणिपुर के मोइरंगथेम लोइया के 300 एकड़ के जंगल में पौधों की 100 से ज़्यादा किस्में हैं, बांस की लगभग 25 किस्में हैं, यहां हिरण, साही और सांप की प्रजातियां भी हैं। करीब 20 साल पहले यह ज़मीन बंजर थी।

पिता ने पकड़ा बिस्तर तो बिंदुप्रिया बनीं नाई, लोगों के ताने सुने पर सैलून बंद नहीं किया

हैदराबाद के छोटे से गाँव की रहनेवालीं एम. बिंदुप्रिया बीबीए की छात्रा हैं, लेकिन उनके बारे में ख़ास बात यह है कि पढ़ाई के साथ-साथ वह अपने पिता की नाई की दुकान अकेले संभालती हैं। इस काम को करते हुए उन्हें लोगों के विरोध और ताने भी झेलने पड़ते हैं। लेकिन उनकी प्राथमिकता एक ही है, अपना परिवार चलाना।

आम के बागीचे के बीच बने इस फार्मस्टे में हवाओं से लेकर खाना तक, सब कुछ मिलेगा शुद्ध

By पूजा दास

निकिता डावर और कार्तिक रामराज ने 2020 में आम के बागों और नारियल के पेड़ों से घिरा 'वेलंगा ऑर्चर्ड फार्म स्टे' शुरू किया। इस फार्मस्टे में आने वाले मेहमानों को मिट्टी के बर्तन बनाना भी सिखाया जाता है।

पहले नहीं देखा होगा ऐसा अनोखा ‘बर्ड-मैन’, 45 साल से रोज़ पक्षियों का पेट भर रहे हैं जवाहर लाल

By रोहित मौर्य

दिल्ली के रहनेवाले 65 वर्षीय जवाहर लाल लगातार 45 सालों से बिना रुके, बिना थके पक्षियों की निःस्वार्थ सेवा कर रहे हैं। चाहे सर्दी हो, गर्मी हो या फिर आंधी-तूफ़ान ही क्यों न आए दिल्ली के आर्कियोलॉजिकल पार्क में वह पक्षियों को रोज़ाना सुबह दाना-पानी देते हैं। इसीलिए आज सब उन्हें बर्डमैन के नाम से जानते हैं।

"दिव्यांगता कोई लाचारी नहीं", कैफे चलाने व ट्यूशन पढ़ाने के साथ-साथ, कर रहे बिज़नेस भी

By रोहित मौर्य

उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में एक कंप्यूटर कैफे चलाने वाले श्रीराम ओझा भले ही दिव्यांग हैं, चल नहीं पाते, उनके हाथों और पैरों में दिक्कत है, लेकिन इस दिक्कत को उन्होंने कभी अपने रास्ते में नहीं आने दिया।

गांववालों ने जिसे 'पागल' कहा, उसी ने बायो-फेंसिंग बनाकर की उनके खेतों की रक्षा

By पूजा दास

महाराष्ट्र के रहने वाले जगन प्रह्लाद बागड़े को 'कैक्टस मैन' के नाम से भी जाना जाता है। उनके खेतों पर जंगली जानवर और कीट अक्सर हमला किया करते थे जिससे भारी नुकसान होता था। इस गंभीर समस्या को देखते हुए वह एक एनवायरनमेंट फ्रेंडली और कम लागत वाला समाधान लेकर आए हैं।

क्यों भारत ही अनजान है भारत की इन 7 बहनों से, अद्भुत है जिनकी पहचान

By अर्चना दूबे

1947 में जब भारत, ब्रिटिश राज्य से मुक्त हुआ, तो देश के पूर्वोत्तर में तीन ही बड़े राज्य थे- मणिपुर, त्रिपुरा और असम। बाद में इन्हीं राज्यों से 4 राज्य और बने। इन्हीं को कहा जाता है 7 सिस्टर्स!