डॉ. अनिल राजवंशी ने बीते चार दशकों में तकनीक के जरिए गांवों के विकास को एक नई ऊंचाई दी है। उनके उल्लेखनीय योगदानों के लिए सरकार ने उन्हें हाल ही में पद्म श्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया है। पढ़िए उनकी प्रेरक कहानी!
उड़ीसा के कामगाँव की रहने वाली लिप्सा प्रधान, महुआ चुनने वाले परिवार से ताल्लुक रखती हैं। अपनी माँ के दर्द को देख, उन्होंने महुआ बीनने के लिए एक ऐसी मशीन बनाई, जिससे दिन भर का काम घंटे भर से भी कम समय में हो सकता है।
दिल्ली में रहने वाले कैफ अली को अपने 'स्पेस इरा प्रोजेक्ट' के लिए डायना अवॉर्ड, अर्न्स्ट एंड यंग अवॉर्ड, कॉमनवेल्थ मिशन द्वारा सस्टेनेबल डेवलपमेंट अवार्ड जैसे कई पुरस्कार मिल चुके हैं। जानिए क्या है यह प्रोजेक्ट।
राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले के रहने वाले 62 वर्षीय गुरमैल सिंह धौंसी, एक फैब्रीकेटर, मैकेनिक और आविष्कारक हैं। उन्होंने कम्पोस्ट मेकर, ट्री प्रूनर जैसी 20 से ज्यादा मशीनें बनाई हैं।
असम के धेमाजी में रहने वाले नबजीत भराली ने जरूरतमंदों व दिव्यांगजनों के लिए कई ज़रूरी आविष्कार किए हैं, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है।
गुजरात के जूनागढ़ में पिखोर गाँव के रहने वाले, अमृत भाई अग्रावत (75) किसानों के लिए कई तरह के आविष्कार करके, उनकी समस्याओं को हल करते हैं। अपने इन्हीं कार्यों के लिए, उन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार मिले हैं और उनके एक आविष्कार को पेटेंट भी मिला है।
केरल के मलप्पुरम के रहने वाले जमशीर को बचपन से ही खेती और पशुओं से खास लगाव था। इसलिए उन्होंने इंजीनियरिंग करने के बाद भी इसी में अपना कैरियर बनाने का फैसला किया। आज वह आधुनिक तरीके से डेयरी फार्मिंग कर, हर महीने एक लाख रुपये कमा रहे हैं। पढ़िए उनकी प्रेरक कहानी!
मुंबई में रहने वाले शिव कंपानी ने आगजनी की घटनाओं को देखते हुए, ‘Sensafe’ नाम की एक ऐसी मशीन बनाई है, जिससे आगजनी के किसी भी खतरे से पहले ही लोगों को अलर्ट किया जा सकता है।
ओडिशा के कालाहांडी में रहने वाले बिभू साहू राइस मिल के मालिक हैं। यहाँ धान की भूसी को जलाने के बाद लोगों को साँस लेने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। इसी को देखते हुए, उन्होंने कुछ अभिनव करने का प्रयास किया।