‘नोबल कॉज’, एक कार्ट के आकार का इको-फ्रेंडली शवदाह गृह है, जिसमें पहिए लगे हैं। इसे जरूरत के हिसाब से कहीं भी ले जाया जा सकता है। इस सिस्टम को ‘चीमा बॉयलर्स लिमिटेड’ के चेयरमैन, हरजिंदर सिंह चीमा ने IIT रोपड़ की मदद से बनाया है।
कोविड-19 के मरीजों की मदद के लिए रोज़ी सलधाना अपने गहने तक बेच चुकी हैं और अब उन्हें हम सबके साथ की जरूरत है। उनकी इस मुहिम में छोटी-बड़ी जैसी भी हो, लेकिन मदद जरूर करें।
अगर आप, पुणे में कोरोना से संक्रमित मरीज के लिए प्लाज्मा की तलाश में हैं तो, इस लेख में दिए गए प्लाज्मा ब्लड बैंक तथा प्लाज्मा डोनर प्लेटफार्म के फ़ोन नम्बर, आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं।
अगर आपका कोई अपना या आसपास कोई व्यक्ति कोविड-19 से जूझ रहा है और उन्हें प्लाज़्मा की जरूरत है, तो लेख में दिए गए कुछ हेल्पलाइन नंबर और वेबसाइट आपके लिए मददगार हो सकते हैं।
मुंबई के रहने वाले पंकज नेरुरकर ने, लॉकडाउन में अपना रेस्तरां बंद होने की वजह से आजीविका के लिए, अपनी नैनो कार में ‘नैनो फूड स्टॉल’ शुरू किया। जिसमें वह सीफूड बेचते हैं और हर रोज लगभग 150 ग्राहकों को खाना खिला कर, एक लाख रुपये/माह कमा रहे हैं।