गणेश चतुर्थी आने वाली है और लोग गणपति की मूर्तियों की खरीदारी में जुट चुके हैं। ये मूर्तियाँ प्लास्टर ऑफ़ पेरिस की बनी हुई होती हैं जो स्वाभाविक तरीके से पानी में घुलती नहीं हैं और इन्हें पेंट करने वाले रंग भी पर्यावरण को दूषित करते हैं। इन नुकसानों को ध्यान में रखते हुए कई लोग और संगठन इसका विकल्प ढूंढने में लगे हैं और कुछ इसमें सफल भी हुए हैं।
आईये जानते हैं ऐसे 5 मूर्तियों के बारे में जो पानी को बिना प्रदूषित किये उसमे आसानी से घुल जाते है
मछलीयों के प्रिय गणेश
स्प्राउट्स मुंबई का एक ऐसा संगठन है जो नदी के तटों की सफाई से जुड़ा हुआ है। 2001 के बाद इसने मछलियों को नुकसान न पहुचाने वाली मूर्ति बनाने के लिए ओग्लिवि एंड माथेर के साथ हाथ मिलाया। इन मूर्तियों को सूखे मकई के दानो, पालक आदि से भरा जाता है और मूर्तियों को कागज़ की लुगदी और चिकनी मिटटी से बनाया जाता है । इसके रंगने के लिए भी प्राकृतिक रंग का इस्तेमाल होता है। आप इन मूर्तियों के लिए +91-98201-40254 पर संपर्क कर अपना आर्डर दे सकते हैं।
को एक्सिस्ट गणेशा
Image Source: www.ecoganeshidol.com
पर्यावरण के अनुकूल बनी मूर्तियों को बेचने के अलावा यह संगठन ऐसे मूर्तिकारों को रोज़गार देता है, जो किसी प्रकार की मानसिक या शारीरिक विकलांगता का शिकार हो। इस संगठन के बारे में और जानने के लिए आप lolitaecoexist@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।
वृक्ष गणेश
दत्तादरी कोठुर गणपति की ऐसी मूर्तियाँ बनाते हैं जिसके भीतर पेड़ के बीज होते हैं। त्यौहार के अंत में आप इस मूर्ती को मिटटी के बर्तन में रख सकते हैं। इसमें पानी देने से यह मूर्ति मिटटी में घुल जाती है और जल्दी ही इसके अन्दर के बीज मिटटी में अपनी जगह बना लेती है। इस गणेश की मूर्ती के बारे में और जानकारी के लिए यहाँ संपर्क करें।
चॉकलेट गणेश
पिछले साल 35 किलो चॉकलेट से गणपति मूर्ति बना कर मुंबई की रिन्तु राठोड़ इन्टरनेट पर चर्चा का विषय बन गयी थी। इस प्रतिमा में किसी भी प्रकार के परिरक्षको (प्रीजरवेटीव्स) का उपयोग नहीं किया जाता है और सजावट के लिए इसमें खाने का रंग इस्तेमाल किया जाता है। सितम्बर 21, 2015 को रिन्तु ने 90 लीटर दूध में इस प्रतिमा का विसर्जन किया जिसे फिर गरीब बच्चो में बांटा गया। अधिक जानकारी के लिए आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
इस साल रिन्तु, 5 मिनट में पांच ‘5 स्टार चॉकलेट’ से गणपति की मूर्ति बनाना सिखा रही है।
पानी को शुद्ध करने वाले गणपति
Image for representation only. Source: Quick Clicker/Flickr
सभी जानते हैं कि फिटकिरी को जमा पानी को साफ़ करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसी के आधार पर पुणे के मूर्तिकार, विवेक काम्बले ने पिछले साल फिटकिरी के गणपति का निर्माण किया जिस से विसर्जन के बाद पानी को दूषित होने से बचाया जा सके।
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