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इस किसान की बदौलत शिमला ही नहीं, अब राजस्थान में भी उगते हैं सेब!

यह कहानी हरिमन शर्मा नाम के उस जुनूनी किसान के जोश और समर्पण की है, जिनकी खोज को पहले सिरे से नकार दिया गया, पर जब वे सफल हुए तो जिन्होंने उन्हें नकारा, उन्हीं ने माथे पर भी बिठा लिया।

कभी दिन के रु. 50 के लिए करते थे मजदूरी, आज किसानी से साल का टर्नओवर हुआ 50 लाख!

By मानबी कटोच

द बेटर इंडिया के माध्यम से किसान गंसू महतो सभी किसानों से अनुरोध करते हैं कि यदि उन्हें किसानी में कोई भी समस्या हो, तो वे बेझिझक गंसू जी को फोन कर सकते हैं या उनसे मिलने उनके घर जा सकते है।

गुरुग्राम : प्रोग्रामर रह चुका यह किसान, बिना मिट्टी की खेती से अब हर महीने कमाता है रु. 50000!

By निशा डागर

हरियाणा के सैयदपुर गांव में एक किसान के परिवार में पैदा हुए, विपिन राव यादव आज हीड्रोपोनिक्स खेती कर हैं। यह खेती मिट्टी के बिना एक पॉलीहाउस में की जाती है। वीपिन ने हाइड्रोपोनिक्स और अन्य नई प्रौद्योगिकियों के बारे में सीखा जो खेती में चमत्कार कर सकते थी।

सॉफ्टवेर इंजिनियर बना किसान, अब उगाते है सिर जितना बड़ा अमरुद और कमाते हैं 10 लाख प्रति एकड़!

By निशा डागर

हरियाणा के जींद जिले के संगतपुरा गांव में जन्मे नीरज ढांडा किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। कंप्यूटर इंजीनियर की डिग्री लेने के बाद नीरज ने अच्छी कंपनी में काम किया। लेकिन साल 2004 में नीरज ने अपनी अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर पूरी तरह से खेती करने का निश्चय किया। अब वे 'जंबो' अमरुद की खेती से लाखों में कमा रहे है।

मध्य-प्रदेश: लाखों की नौकरी छोड़ बने किसान; बिचौलियों से मुक्त करा रहे है किसानों को!

By निशा डागर

प्रतीक शर्मा का जन्म मध्य प्रदेश में भोपाल के नजदीक एक गांव में किसान परिवार में हुआ था। भोपाल से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें कोटक महिंद्रा बैंक में नौकरी मिली। 10 साल बैंकर के तौर पर काम करने के बाद उन्होंने जैविक खेती करना शुरू किया।

पौधों को भी गर्मी लगती है! आईये जानें इस गर्मी में कैसे रखें अपने बगीचे को हरा-भरा

जब हम गर्मियों में ठंडक देने वाले खानों और खुद को ठण्ड पहुंचाने वाली चीजों से जुड़ने लगते हैं, हमारे पौधे सूरज के तपती किरणों को झेल कर सूखते चले जाते हैं

तमिल नाडु के सूखाग्रस्त गांव में हरियाली ले आए पंजाब के ये दो किसान।

By अदिति मिश्रा

बंजर जमीन से उपजाऊ खेत के रूप में ये बदलाव दस साल पहले पंजाब से यहाँ आकर बसे हुए कुछ मुटठीभर किसानों के अथक प्रयासों का परिणाम है।