कभी दिल्ली में रहनेवाली पल्लवी को लगता था कि शहर से दूर जीवन बहुत बोरिंग होगा, लेकिन आज वह शहर से दूर बने क्वार्टर में ढेरों पौधों के साथ रहती हैं और इन्हें छोड़कर शहर जाना ही नहीं चाहतीं, जानें कैसे हुआ यह संभव।
छत्तीसगढ़ के बस्तर के रहनेवाले दीना नाथ राजपूत, एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। लेकिन, 2018 से ‘भूमगादी महिला कृषक’ NGO के ज़रिए, वह 6000 से अधिक महिला किसानों की जिंदगी बदल चुके हैं।
महाराष्ट्र में अमरावती के रहनेवाले भावेश वानखेड़े, अपनी कंपनी “ट्राइब ग्रोन” के तहत कई तरह के दुर्लभ शहद, हल्दी, चावल जैसे उत्पादों का कारोबार करते हैं। इससे 1200 से अधिक आदिवासी किसानों के जीवन में नया सवेरा आया है।
छत्तीसगढ़ के 30 वर्षीय आसिफ खान ने ‘बैम्बूका’ नाम की ईको-फ्रेंडली साइकिल बनाई है। बस्तर के आदिवासी जिले से होने के कारण, उन्होंने पारंपरिक हस्तकला को बढ़ाने और आदिवासियों को रोजगार देने के लिए यह आविष्कार किया था।
छत्तीसगढ़ में देवरी गांव के रहने वाले भोज कुमार साहू पिछले कई सालों से पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयासरत हैं और पौधों की सिंचाई के लिए वह Drip Watering System इस्तेमाल कर रहे हैं।