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लोगों के ताने और पत्थर की मार खाकर भी इंजीनियर 'अप्पा' ने लिया 55 HIV+ बच्चों को गोद!

By निशा डागर

HIV+ बच्चों को गोद लेने की वजह से लोगों को लगता था कि महेश खुद HIV+ हैं। इसलिए वह जहाँ भी जाते उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता। लेकिन जब महेश को उनके काम के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला तो वही लोग उनके स्वागत में रेलवे स्टेशन पर पहुंचे।

गूगल मैप पर भी नहीं है जिन गांवों का निशान, वहां बिजली पहुंचा रहा है यह इंजीनियर!

By निशा डागर

लद्दाख के सुमदा चेंमो गाँव में जब पारस लूम्बा और उनकी टीम ने बिजली लगाई तो जलते हुए बल्ब को देखकर एक बुजुर्ग की आँखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा, "मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरा घर रात में भी रौशन हो सकता है।"

इस महिला ने छोड़ दी अपनी नौकरी ताकि हज़ारों बच्चों को न छोड़नी पड़े पढ़ाई!

By निशा डागर

ड्रीम स्कूल फाउंडेशन की मदद से आज बहुत से सरकारी स्कूलों के बच्चे इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसे कोर्स की पढ़ाई कर रहे हैं।

निर्भया केस ने झकझोड़ा! तब से लेकर अब तक दे चुकीं है 2 लाख को मुफ्त सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग

By निशा डागर

साल 2012 तक हर्षा साहू की ज़िंदगी सामान्य चल रही थी, लेकिन निर्भया घटना के बाद उन्होंने ठाना कि उन्होंने जो सीखा, वह उसे आगे बढ़ाएंगी!

4000+ ग्रामीण बच्चों के लिए चलता-फिरता कंप्यूटर लैब, सौर ऊर्जा से चलते हैं लैपटॉप!

By निशा डागर

इस चलते-फिरते लैब के ज़रिए सरकारी स्कूलों के बच्चे अब ईमेल अकाउंट बनाना, सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना और डिजिटल कैश ट्रांजेक्शन करने जैसी ज़रूरी चीज़ें सीख रहे हैं!

इंजीनियर ने चीकू से बनाए 21 तरह के प्रोडक्ट, 1 करोड़ है सालाना कमाई!

By निशा डागर

68 वर्षीय महेश चूरी के इस ब्रांड की फ्रेंचाइजी लेने के लिए कतार लगी है लेकिन महेश के लिए ज़्यादा महत्वपूर्ण है किसानों को अतिरिक्त आय का साधन और आदिवासी महिलाओं को रोज़गार देना।

इंजीनियरिंग छोड़, बनाने लगे हाथ, ताकि कोई भी गरीब न रह जाए लाचार!

By निशा डागर

प्रशांत के बनाए प्रोस्थेटिक हाथ की कीमत 50 हज़ार रुपये है, पर वह अब तक 2,000 गरीब दिव्यांगजनों को मुफ्त में यह हाथ बाँट चुके हैं।

संडे को क्या करते हैं आप? हरियाणा के ये युवा करते हैं 2 घंटे का श्रमदान!

By निशा डागर

इन युवाओं ने गाँव में पॉलिथीन के इस्तेमाल पर रोक लगाने, महिलाओं के लिए खेल प्रतियोगिता आयोजित करने और बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए स्कॉलरशिप देने की भी शुरुआत की है!